Diwali Air Quality Index in Meerut आज दीवाली पर वायु प्रदूषण का रेड अलर्ट प्रदूषण विभाग की ओर से जारी किया गया है। प्रदूषण विभाग की माने तो देर शाम तक वायु गुणवत्ता सूचकांक Air Quality Index काफी खतरनाक स्तर पर पहुंच सकता है। खतरनाक स्तर पर पहुंचने पर इसका असर लोगों की सेहत पर भी पडेगा। प्रदूषण विभाग और चिकित्सकों ने वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ने पर लोगों को खासकर बुजुर्ग और बच्चों को घरों के भीतर रहने की सलाह दी है।
Diwali Air Quality Index in Meerut प्रदूषण को लेकर दीवाली पर आज हालात गंभीर होते जा रहे हैं। ऐसे में सेहत का ध्यान रखना भी जरूरी है। बच्चों को प्रदूषण काफी हद तक प्रभावित करता है। बता दें कि धनतेरस के दिन मेरठ का प्रदूषण Pollution का स्तर खतरे की सीमा को पार कर गया था। मेरठ और गाजियाबाद देश में सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में पहले और दूसरे नंबर पर रहे थे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक दोनो शहरों में प्रदूषण का स्तर 300 के पार पहुंच गया था। दर्ज किया गया। देश के 172 शहरों में पहले स्थान पर गाजियाबाद एक्यूआइ AQI 354 तो मेरठ 331 पर रहा था। दिल्ली का गाजियाबाद से सटा आनंद विहार इलाका भी सर्वाधिक प्रदूषित रहा। जहां पर एक्यूआइ AQI 409 तक पहुंच गया।
दीपावली के पहले एक्यूआइ AQI रेड श्रेणी में होने से NCR एनसीआर वासियों के लिए काफी परेशानी पैदा कर रहा है। सीपीसीबी CPCB के मानक के मुताबिक 300 से अधिक एक्यूआइ खतरे का संकेत माना जाता है। यह सांस, हृदय के रोगियों के लिए अत्यंत हानिकारक है।
बच्चों के लिए भी ये वायु प्रदूषण विनाशकारी होता है। आज प्रदूषण से बचने के लिए अपने घर के दरवाज़े और खिड़कियों को बंद करके रखे। घर पर ह्यूमिडिफायर humidifier लगाएं। बाहर जितना हो सके उतना कम से कम निकलें। तेज सुगंध वाली चीजों से भी बच्चों को दूर रखे। बच्चों में प्रदूषण के बढ़ने बहुत काफी प्रभाव पड़ता है।
वायु प्रदूषण से ब्रोंकाइटिस bronchitis की अधिक आशंका बढ़ती है। फेफड़ों में जाने वाले वायु नलिकाओं में सूजन हो जाती है। इससे ब्रॉन्काई में जलन होती है। जिस कारण वे सूज जाते हैं और बलगम से भर जाते हैं। जिससे खांसी होती है। वायु प्रदूषण air pollution वायुमार्ग में सूजन का कारण बनता है। जिससे लोग ब्रॉन्काइटिस के शिकार होते हैं। ऐसे में सावधान नहीं बरती तो हालात गंभीर बन जाते हैं। जो लोग पहले से अस्थमा asthma पीड़ित हैं। प्रदूषण Pollution उनकी स्थिति को और अधिक बिगाड़ सकता है। लोग अस्थमा के शिकार हो सकते हैं। जो लोग ओजोन और कण प्रदूषण में सांस लेते हैं उनमें अस्थमा के दौरे और अधिक बढ़ जाता हैं। अस्थमा के रोगियों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है।