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गठबंधन को लेकर रालोद सुप्रीमो ने दिया बड़ा बयान, कहा- सवाल सीटों का नहीं, बल्कि टूटे भार्इचारे का है

सपा-बसपा गठबंधन के बाद रालोद नेताआें व कार्यकर्ताआें में बेहद आक्रोश  

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meerut

गठबंधन को लेकर रालोद सुप्रीमो ने दिया बड़ा बयान, कहा- सवाल सीटों का नहीं, बल्कि टूटे भार्इचारे का है

मेरठ। आगामी लोक सभा चुनाव में सपा-बसपा के गठबंधन की घोषणा के बाद रालोद सुप्रीमो को जरा भी मलाल नहीं है। उनका कहना है कि इस गठबंधन में रालोेद को कितनी सीट मिलेगी, कितनी नहीं। यह मुद्दा नहीं है, बल्कि जिस गठबंधन को लेकर भावना है, उस कायम रखना है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगे के बाद टूटे भार्इचारे आैर साम्प्रदायिक सद्भावना कायम करने का है। वह शुरू से ही भाजपा के खिलाफ बन रहे गठबंधन के समर्थक रहे हैं। पिछले एक साल से भार्इचारा कायम करने की कोशिश कर रहे हैं।

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सीटों को मुद्दा नहीं मान रहे अजित सिंह

मीडिया रिपोर्टाें के अनुसार रालोद सुप्रीमो अजित सिंह इन दिनों कार्यक्रमों में सपा-बसपा गठबंधन के बाद पार्टी नेताआें व कार्यकर्ताआें से मिल रहे हैं तो सीटों के मुद्दों को अपनी बात के बीच में नहीं ला रहे। हालांकि हर कार्यक्रम में पार्टी नेताआें व कार्यकर्ताआें में सिर्फ दो सीटें छोड़े जाने को लेकर आक्रोश है, लेकिन रालोद सुप्रीमो उन्हें शांत कर रहे हैं आैर समझा भी रहे हैं। रालोद सुप्रीमो का कहना है कि इस गठबंधन में सीटें कोर्इ मुद्दा नहीं है, बल्कि बड़ा मुद्दा भार्इचारे को कायम करना है। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद जाट-मुस्लिमों के बीच जो भार्इचारा टूट गया था, उसे फिर से कायम करना बड़ी बात है आैर वही हम अब भी कर रहे हैं। हालांकि अजित सिंह से मिलने के लिए वेस्ट यूपी के लोग इस मुद्दे पर उनसे मिलने दिल्ली जा रहे हैं। इसमें वे लोग भी शामिल हैं जो मुजफ्फरनगर दंगे में सबसे ज्यादा प्रभावित गांव रहा। यहां के लोगों का कहना है कि जिन लोगों ने दंगा कराया, वे लोग पीड़ितों का हाल जानने भी नहीं आते। लोग दंगा कराने वालों का खेल समझ चुके हैं। सपा-बसपा के गठबंधन की घोषणा के बाद रालोद कार्यकर्ताआें में आक्रोश हैं आैर रालोद के लिए सीटें बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।