
मेरठ। कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए मेरठ रेड जोन घोषित है। इस दौरान यहां के अस्पतालों की लापरवाही भी सामने आ रही है। वेलेंटिस कैंसर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सम्प्रदाय विशेष के मरीजों के इलाज पर पाबंदी और प्रकाशित विज्ञापन पर मुकदमा दर्ज किया गया है तो दूसरा मामला शहर के ही संतोष अस्पताल का है। इस अस्पताल पर कोरोना मरीज की जानकारी छिपाने के आरोप पर शिकंजा कसा गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है, साथ ही अस्पताल का लाइसेंस भी निलंबित करके नोटिस जारी किया गया है।
पिछले दिनों कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत होने के बाद प्रशासन की ओर से सख्त रुख अपनाया गया। मरीज इसी अस्पताल के स्टाफ में था, मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में मौत से पहले मरीज की तबियत खराब हुई थी और संतोष अस्पताल में दो दिन भर्ती भी रहे थे। बाद में मेडिकल में भर्ती कराया गया था। संतोष अस्पताल के अकाउंटेंट की मौत के बाद जब कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आयी तो हड़कंप मच गया था। इसके बाद संतोष अस्पताल को भी बंद करा दिया गया था। बेरीकेडिंग करके स्टाफ को वहीं पर क्वारंटीन कर दिया गया था।
रविवार को आयी रिपोर्ट में मृतक अकाउंटेंट के पुत्र की भी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आयी। इसके अलावा संतोष अस्पताल के 70 स्टाफ की रिपोर्ट निगेटिव आयी है। सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि संतोष अस्पताल के स्टाफ को अभी 14 दिन तक क्वारंटीन किया जाएगा। एसीएमओ प्रशासन डा. एसएस चौधरी ने मेडिकल थाने में संतोष अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ तहरीर दी थी। एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसके अलावा अस्पताल का लाइसेंस भी निलंबित करके अस्तपाल को नोटिस जारी किया गया है।
Published on:
20 Apr 2020 03:56 pm
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