यह भी पढ़ेंः
लूट के बाद मारी गोली, दूसरा फायर करने के लिए बदमाश ने रोक लिया अपना साथी, फिर ये हुआ… डेयरी बाहर करना प्रशासन के लिए चुनौती शहर से बाहर डेयरी करना निगम और प्रशासन के लिए चुनौती हो गया है। एक तरफ हार्इकोर्ट का डंडा है तो दूसरी तरफ डेयरी संचालकों का विरोध, लेकिन अब डेयरी संचालकों के साथ भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी और व्यापार संघ के अध्य्क्ष नवीन गुप्ता भी आ गए हैं। दोनों लोग निगम अधिकारियों से मिले। बता दें कि मेरठ में करीब 900 डेयरी संचालित हैं और इन डेयरी संचालकों के पास करीब 20 हजार दुधारू पशु हैं।
यह भी पढ़ेंः
‘हेलो वसीम, मदन भइया का राइट हैंड बोल रहा हूं, एक करोड़ रुपये चाहिए’ प्रशासन पर सहयोग नहीं करने का आरोप डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बताया कि मेरठ में निगम और स्थानीय प्रशासन डेयरी संचालकों को कोई सहयोग नहीं कर रहा है। उनका कहना है कि डेयरी संचालक उच्च न्यायालय का फैसला मानने से पीछे नहीं है। हम भी इस फैसले का स्वागत करते हैं। सभी चाहते हैं कि डेरियां शहर से बाहर जाएं, लेकिन उनके रहने और पशुओं की भी व्यवस्था करनी चाहिए। मेरठ में कैटल कालोनी के लिए सिर्फ चार दिन नामांकन खोले गए, जिसमे अधिकांश डेरी संचालक अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कर सके। वहीं बनारस में रजिस्ट्रेशन की तिथि 10 दिन के लिए बढ़ाई गई।
यह भी पढ़ेंः
ICC World Cup 2019: भारत की पाक पर जबरदस्त जीत हासिल करने के लिए मदरसे में मांगी गर्इ दुआ, देखें वीडियो ‘पशुआें को बाहर करना न्याय संगत नहीं’ उन्होंने कहा कि दुधारू पशुओं को इस तरह से बाहर कर देना कहां का न्याय है। सोचिए अगर पशुओं का दूध नहीं निकलेगा तो उनका क्या हाल होगा। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों से कहा कि पहले कैटल कालोनी बनाई जाए। दुधारू पशुओं को रहने के लिए जगह दी जाए इसके बाद ही इनको महानगर से डेयरियां बाहर की जाएं।
UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh
Facebook पर Like करें, Follow करें
Twitter पर ..