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डेयरी संचालकों के साथ वरिष्ठ भाजपा नेता ने अपनी पार्टी के राज में अफसरों पर लगाए आरोप, देखें वीडियो

खास बातें नगर निगम अफसरों से मिले भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष वरिष्ठ भाजपा नेता ने मांग की कि पहले करें पशुओं को रखने की व्यवस्था, फिर करें डेयरी बाहर कहा- बिना तैयारियों के पशुआें को शहर से बाहर करना न्याय संगत नहीं है  

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डेयरी संचालकों के साथ इस वरिष्ठ भाजपा नेता ने अपनी पार्टी के राज में अफसरों पर लगाए आरोप, देखें वीडियो

मेरठ। भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी अब डेयरी संचालकों के साथ खड़े हो गए हैं। उन्होंने अपनी ही सरकार के राज में अधिकारियों को कटघरे मे खड़ा कर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी ईमानदारी से काम नहीं कर रहे हैं। वे डेयरी संचालकों को प्रताड़ित कर रहे हैं, जबकि हाईकोर्ट का साफ आदेश हैं कि महानगर से डेरी बाहर करने से पहले कैटल कालोनी बसानी जरूरी है। मेरठ में इसका पालन नहीं किया गया।

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डेयरी बाहर करना प्रशासन के लिए चुनौती

शहर से बाहर डेयरी करना निगम और प्रशासन के लिए चुनौती हो गया है। एक तरफ हार्इकोर्ट का डंडा है तो दूसरी तरफ डेयरी संचालकों का विरोध, लेकिन अब डेयरी संचालकों के साथ भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी और व्यापार संघ के अध्य्क्ष नवीन गुप्ता भी आ गए हैं। दोनों लोग निगम अधिकारियों से मिले। बता दें कि मेरठ में करीब 900 डेयरी संचालित हैं और इन डेयरी संचालकों के पास करीब 20 हजार दुधारू पशु हैं।

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प्रशासन पर सहयोग नहीं करने का आरोप

डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बताया कि मेरठ में निगम और स्थानीय प्रशासन डेयरी संचालकों को कोई सहयोग नहीं कर रहा है। उनका कहना है कि डेयरी संचालक उच्च न्यायालय का फैसला मानने से पीछे नहीं है। हम भी इस फैसले का स्वागत करते हैं। सभी चाहते हैं कि डेरियां शहर से बाहर जाएं, लेकिन उनके रहने और पशुओं की भी व्यवस्था करनी चाहिए। मेरठ में कैटल कालोनी के लिए सिर्फ चार दिन नामांकन खोले गए, जिसमे अधिकांश डेरी संचालक अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कर सके। वहीं बनारस में रजिस्ट्रेशन की तिथि 10 दिन के लिए बढ़ाई गई।

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'पशुआें को बाहर करना न्याय संगत नहीं'

उन्होंने कहा कि दुधारू पशुओं को इस तरह से बाहर कर देना कहां का न्याय है। सोचिए अगर पशुओं का दूध नहीं निकलेगा तो उनका क्या हाल होगा। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों से कहा कि पहले कैटल कालोनी बनाई जाए। दुधारू पशुओं को रहने के लिए जगह दी जाए इसके बाद ही इनको महानगर से डेयरियां बाहर की जाएं।

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