27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Ganga mela Makhdumpur : गंगा मेला में महिला और पुरुषों के लिए बनेंगे अलग घाट, असामाजिक तत्वों पर रहेगी तीसरी नजर

Makhdumpur Ganga mela Meerut मेरठ के हस्तिनापुर में प्रति वर्ष कार्तिक मास में लगने वाले मेला मखदूमपुर की तैयारी शुरू हो चुकी है। गंगा के किनारे रेत पर तंबुओं का नगर बसने लगा है। जिलाधिकारी मेरठ ने मखदूमपुर मेला स्थल का दौरा कर तैयारियों को परखा। वहीं इस बार मखदूमपुर गंगा घाट पर लगने वाले गंगा स्नान मेले में असामाजिक तत्वों पर तीसरी आंख से नजर रखी जाएगी। तंबुओं की नगरी को बसाने का काम सोमवार से शुरू हो चुका है।

2 min read
Google source verification

मेरठ

image

Kamta Tripathi

Nov 02, 2022

Ganga mela Makhdumpur : गंगा मेला में महिला और पुरुषों के लिए बनेंगे अलग घाट,असामाजिक तत्वों पर रहेगी तीसरी नजर

Ganga mela Makhdumpur : गंगा मेला में महिला और पुरुषों के लिए बनेंगे अलग घाट,असामाजिक तत्वों पर रहेगी तीसरी नजर

Makhdumpur Ganga mela Meerut हस्तिनापुर ब्लाक के मखदूमपुर गांव में गंगा घाट के किनारे लगने वाले मेले का आयोजन जिला पंचायत द्वारा कराया जाता है। इसकी तैयारी भी दस दिन पहले से शुरू हो जाती है। मेला चार नवंबर से शुरू होगा। ऐसे में मखदूमपुर गंगा स्नान मेले की तैयारियां अब जोरों पर हैं। मखदूमपुर में लगने वाला गंगा मेला इस बार चार दिन तक चलेगा। मेले की शुरूआत चार नवंबर से होगी और यह आठ नवंबर तक चलेगा। मखदुमपुर मेले की तैयारियां एसडीएम अखिलेश यादव की देखरेख में चल रही है। एसडीएम ने मेला स्थल का निरीक्षण भी किया।


मेले में आने वाले महिला और पुरुष श्रद्धालुओं के स्नान करने के लिए गंगा पर अलग-अलग घाट बनाए जा रहे हैं। घाट बनाए जाने का कार्य सोमवार से शुरू हो चुका है। इस बार महिलाओं के बनाए घाटों में चेंजिंग रूम की अलग से व्यवस्था की जा रही है। गंगा स्नान मेले में दीपदान और पिंडदान के लिए दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। श्रद्धालुगण अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गंगा में दीपदान और पिंडदान करते हैं। इसी के साथ मेला दिवस में मुंडन संस्कार आदि भी गंगा किनारे पर किए जाते हैं।


यह भी पढ़ें : Weather Update Today वायु प्रदूषण और स्मॉग से NCR में सांस लेना मुश्किल, स्कूलों को बंद करने की मांग


बताया जाता है कि जिस स्थान पर मेला आयोजित किया जाता है। वहां पर गंगा की दो बड़ी धाराएं हैं। पहली धारा में पानी बहुत कम है तो दूसरी धारा में पानी बहुत अधिक है। इसलिए दूसरी धारा पर जाने से रोकने के लिए गंगा के टापू पर पीएससी के टेंट लगाए हैं। जहां पर श्रद्धालुओं को बड़ी धारा की तरफ जाने से रोका जाएगा। इसके चलते श्रद्धालुओं को गंगा के कम पानी में ही स्नान करना पड़ेगा। इस बारे में जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी ने बताया कि गंगा मेला इस बार कई मायनों में महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक रहेगा। मेले स्थल पर पूर्ण रूप से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।