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Shardiya Navratri 2019: इस दुर्गा मंदिर से आज तक कोई खाली हाथ नहीं गया, दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु

Highlights सिद्धपीठ के रूप में स्थापित है दुर्गा का यह मंदिर पांच दशक पहले मंदिर के चारों ओर थे आम के बाग मंदिर में सुबह तीन बजे से ही लगती है भक्तों की लाइनें  

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मेरठ। जयदेवी नगर स्थित गोल मंदिर माता के चमत्कारिक सिद्धपीठों में से एक है। लोगों का मानना है कि माता से जो भी मांगो वह मन्नत पूरी करती हैं। आज तक माता के दर से कोई खाली नहीं गया। यही कारण है कि वहां सुबह-शाम पूजा-अर्चना करने वालों की भीड़ लगी रहती है। नवरात्र में तो मंदिर में मेला सा लगा रहता है। श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां दुर्गा माता की मूर्ति को जब भी देखो अलग रूप में ही नजर आती है। कभी मां का हंसता हुआ चेहरा तो कभी शांत चेहरा दिखाई देता है, मंदिर के प्रति लोगों की आस्था का एक कारण यह भी है।

पुलिस अधीक्षक पद से रिटायर पंडित छीतर सिंह ने 1965 में इस मंदिर का निर्माण कराया था। छीतर सिंह ने 1960 में ही मंदिर के लिए भूमि खरीद ली थी। एक हजार वर्ग गज में यह मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर का निर्माण गोलाकार रूप में कराया गया है। छत को खिलते हुए कमल के फूल का रूप दिया गया है, इसीलिए इसे गोल मंदिर कहा जाता है।

मंदिर के अंदर लगा हुआ कल्पवृक्ष का पेड़ भी लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। लोगों का मानना है कल्पवृक्ष से जो भी मन्नत मांगो वह पूरी होती है। लोग इस पर कलावा बांधकर अपनी मन्नत मांगते हैं। मंदिर को चलाने के लिए दुर्गा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया गया है। इस मंदिर में सच्चे मन से जो भी मांगो, वह मन्नत पूरी होती है। नवरात्र में यहां पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है।

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