scriptMahashivratri 2022 : महाशिवरात्रि पर इस शुभ मुहूर्त में मात्र एक लोटा जलाभिषेक से मनोकामना पूरी करेंगे भोलेनाथ | shubh mahoort aur samay to worship Shiva on Mahashivratri | Patrika News

Mahashivratri 2022 : महाशिवरात्रि पर इस शुभ मुहूर्त में मात्र एक लोटा जलाभिषेक से मनोकामना पूरी करेंगे भोलेनाथ

locationमेरठPublished: Feb 26, 2022 12:48:35 pm

Submitted by:

Kamta Tripathi

Mahashivratri 2022 साल में दो बड़ी शिवरात्रि होती है। एक सावन के महीने में और दूसरी फाल्गुन के महीने में। फाल्गुन के महीने में आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। इस महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ पर शुभ मुहूर्त में मात्र एक लोटा जलाभिषेक करने से ही वो मनोकामना पूरी कर देंगे।

Mahashivratri 2022 : महाशिवरात्रि पर इस शुभ मुहूर्त में मात्र एक लोटा जलाभिषेक से मनोकामना पूरी करेंगे भोलेनाथ

Mahashivratri 2022 : महाशिवरात्रि पर इस शुभ मुहूर्त में मात्र एक लोटा जलाभिषेक से मनोकामना पूरी करेंगे भोलेनाथ

Mahashivratri 2022 महाशिवरात्रि का धर्म शास्त्र में बड़ा महत्व है। धर्म पंचांग के अनुसार,फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। साल के फाल्गुन माह में पड़ने वाली इस महाशिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस दिन शिव के भक्त भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा और व्रत करते हैं। इस बार महाशिवरात्रि का व्रत एक मार्च, मंगलवार को रखा जाएगा। मान्यता है कि इस पर्व पर जो शिव भक्त उपवास रहते हुए दिन भर शिव आराधना में लीन रहता है उसकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं।

हर महीने मनाई जाने वाली मासिक शिवरात्रि में फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि सबसे खास और मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली शिवरात्रि होती है। हिंदू धर्म में भगवान शिव सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवता है। भगवान शिव की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि भगवान शिव जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। भोले बाबा केा शुभ मुहूर्त में मात्र एक लोटा जल चढ़ाने और कुछ बेलपत्र अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। महाशिवरात्रि की तिथि,शुभ मुहूर्त, पूजन विधि निम्न है।
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महाशिवरात्रि 2022 पूजन का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि के त्योहार पर भगवान शिव की पूजा चार प्रहर में करने का विधान होता है। इस साल महा शिवरात्रि 1 मार्च मंगलवार को प्रातः 3:16 बजे से प्रारंभ होगी.शिवरात्रि की तिथि दूसरे दिन यानि चतुर्दशी तिथि बुधवार 2 मार्च को प्रातः 10 बजे समाप्त होगी। पहले पहर की पूजा-1 मार्च की शाम को 06 बजकर 21 मिनट रात के 9 बजकर 27 मिनट तक होगी। वहीं दूसरे पहर की पूजा-1 मार्च की रात्रि 9 बजकर 27 मिनट से रात्रि के 12 बजकर 33 मिनट तक होगी। तीसरे पहर की पूजा-1 मार्च की रात 12 बजकर 33 मिनट से सुबह 3 बजकर 39 मिनट तक होगी। जबकि चौथे पहर की पूजा-2 मार्च की सुबह 3 बजकर 39 मिनट से 6 बजकर 45 मिनट तक होगी। व्रत पारण का समय दूसरे दिन 2 मार्च सुबह 6 बजकर 45 मिनट के बाद का है।
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महाशिवरात्रि के दिन पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी से उठकर स्नान करके पूजा का संकल्प लेते हुए पास के शिव मंदिर में जाएं। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती का स्मरण करते हुए उनका जलाभिषेकर करें। पूजा के दौरान शिव मंत्रों का जाप करें। महाशिवरात्रि के दिन सबसे पहले शिवलिंग में चन्दन के लेप लगाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराएं। मिट्टी या तांबे के लोटे में पानी या दूध भरकर ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि जालकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। पूजा करते समय ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। शिव की पूजा करने के बाद गोबर के उपलों की अग्नि जलाकर तिल, चावल और घी की मिश्रित आहुति दें।
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