
Meerut Video News: कांवड़ियों के शरीर से उठता रहा धुंआ, चिल्लाती रहीं महिलाएं, एक-एक कर गिर गई छह लाशें
Meerut News: हरिद्वार से डाक कांवड़ लेकर आ रहे मेरठ के छह कांवड़ियों की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई। डाक कांवड़ गांव के बाहर तक पहुंच चुकी थी। लेकिन जब तक कांवड़िये अपने गांव के अंदर दाखिल होते मौत ने उससे पहले झपट्टा मार दिया। महज 90 सेंकेड में दो परिवार उजड़ गए और चाचा भतीजा और बेटे सहित छह कांवड़ियों की मौत हो गई। बुरी तरह झुलसे लोगों को बचाने की पूरी रात कोशिश होती रही। हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर करीब 15 कांवडिये और झुलसे हैं। उनकी सभी की हालत नाजुक है। करंट से झुलसने कर जान गंवाने वाले सभी एक ही गांव के रहने वाले हैं। हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर हादसे का शिकार हुए सभी कांवड़िये शिव की ट्राली को धकेल रहे थे। इसी दौरान कांवड़ हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गई। जिससे ट्राली में करंट दौड़ गया। ट्राली धकेल रहे करीब 25 कांवड़िये उससे चिपककर रह गए। दूर खड़ी महिलाएं व परिजन अपनों के शरीर से उठते धुएं को देखकर चींखते और चिल्लाते रहे।
हाइटेंशन लाइन की चपेट में कांवड़ ट्राली
मेरठ के थाना इंचौली के गांव राली चौहान में हाइटेंशन लाइन की चपेट में आकर मरने वालों में सभी कांवड़िये हरिद्वार से कांवड़ यात्रा पूरी कर जल ला रहे थे। केवल लक्ष्य अकेला वह बच्चा है जो गांव में इस टोली में शामिल हुआ। किसी ने सोचा नहीं था कि लंबा सफर तय करने के बाद घर के दरवाजे पर आकर मौत झपट्टा मारकर छह जिंदगियों को छीनकर ले जाएगी। राली चौहान में हर साल कांवड़ लाने वालों की संख्या बड़ी है। गांव कांवड़ यात्रा को इस पर्व के रूप में मनाते आए है।
लोगों के शरीर से उठा धुआं देखकर चीखपुकार
इस बार गांव महेन्द्र व दादू लख्मी के साथ गांव वालों ने पूरे उत्साह से डाक कांवड़ को हरिद्वार रवाना किया। शनिवार को जब गांव को पता चला, कांवड़ियों की टोली वापस आ रही है तो हर कोई भोले बाबा की जयकार के साथ कांवड़ का स्वागत करने पहुंचा। बोल बम के जयकारे के साथ अचानक चिंगारी और भोलेनाथ के ट्राली धकेल रहे लोगों के शरीर से धुआं उठता दिखा तो चींख-पुकार मच गयी। जिसने देखा वह जान बचाने को दौड़ा। विडम्बना रही, जिनके अपने थे वह उन्हें बचाना चाहते थे लेकिन जलते लोगों के मुंह से निकलती चीख व धुएं ने ऐसा दृश्य पैदा कर दिया कि वह सहम गए।
लोग चिल्लाते रहे, पास जाने की हिम्मत नहीं थी
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गांव के कुछ लोग लक्ष्य व प्रशांत को बचाने को दौड़े तो लोगों ने उन्हें दबोच लिया। हर कोई बस बचाओ..बचाओ चिल्लता रहा। करंट से झुलसते लोगों को बचाने उनके पास नहीं गया। बुरी तरह जलने के बाद जो नीचे गिरा, उसे उठाकर लोग अलग खींचकर ले जाते रहे। ठेली खींचने के दौरान प्रशांत हिमांशु से अलग हटकर चल रहा था। जब उसने हिमांशु को करंट से झुलसते देखा तो वह उसने उसे बचाने का प्रयास किया। उसे तो नहीं बचा पाया खुद करंट की चपेट में आकर जान गवां बैठा।
Published on:
16 Jul 2023 08:46 am
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
