
धर्मांतरण मामलों में पुलिस मुख्यालय स्तर से समीक्षा
दिल्ली का श्रद्धा हत्याकांड हो या फिर लखनऊ के काकोरी क्षेत्र में निधि हत्याकांड। अवैध धर्मांतरण व इसे लेकर घटनाओं का ग्राफ घटता नजर नहीं आ रहा। प्रदेश में हर तीसरे दिन अवैध धर्मांतरण का एक मुकदमा दर्ज हो रहा है। कई ऐसे मामले भी हैं, जो पुलिस तक नहीं पहुंच पाते हैं।
दो वर्षो में अब 291 से अधिक मुकदमे
प्रदेश में कानून विरूद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत दो वर्षो में अब 291 से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इनके तहत 507 आरोपियों की गिरफ्तार भी हुई है। पुलिस कार्रवाई के बाद भी छल-कपट से युवातियों का धर्मांतरण कराकर उनके उत्पीड़न की घटनाएं कम होती दिखाई नहीं दे रही हैं।
यही वजह है कि अवैध धर्मांतरण को लेकर बने कानून को अब और कठोर बनाए जाने की पैरवी शुरू हो चुकी है। डीजीपी मुख्यालय ने जिलों में दर्ज मुकदमों में चल रही कार्रवाई की निगरानी भी बढ़ा दी है। वरिष्ठ अधिकारियों को जांच की प्रगति की नियमित समीक्षा के निर्देश दिए हैं।
सर्वाधिक मुकदमे फतेहपुर में
प्रदेश में 27 नवंबर, 2020 से 30 अक्टूबर, 2022 तक अवैध धर्मांतरण के सर्वाधिक 20 मुकदमे फतेहपुर में दर्ज हुए हैं। इसके अलावा आठ जिले हैं, जहां 10 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इनमें लखनऊ, सहारनुपर, बरेली,पीलीभीत, गोरखपुर, गोंडा, आजमगढ़ व कानपुर शामिल हैं।
150 मामलों में कोर्ट में बयान दर्ज
इन जिलों में चल रही कार्रवाई पर विशेष नजर रखी जा रही है। अब तक 150 मामलों में पीड़ित युवतियां कोर्ट में अपने बयान दर्ज करा चुकी हैं। उन पर किए गए जुल्मों की कहानी बयां का चुकी हैं। 59 ऐसे मामले आए हैं। जहां नाबालिग लड़कियों को षड्यंत्र में फंसाकर उनका उत्पीड़न किया गया। अब तक दर्ज कुल मुकदमों में 507 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।
बोले अधिकारी
इस बारे में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार कहते हैं कि धर्मांतरण के मामलों में काफी कमी आई है। जबरन धर्मांतरण कराने के दर्ज मामलों में सख्त कार्रवाई की गई है। धर्मांतरण के दर्ज सभी मामलों में मुख्यालय स्तर से भी समीक्षा की जाती है।
Published on:
23 Dec 2022 11:09 am
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