10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पब्लिक स्कूलों में फीस वृद्धि के विरोध का सामाजिक संगठनों ने यह निकाला अलग तरीका

सामाजिक संगठनों ने मेरठ के पब्लिक स्कूलों में फीस वृद्धि के साथ यूपी सरकार पर भी उठाए सवाल  

2 min read
Google source verification
meerut

मेरठ। निजी स्कूलों में फीस वृद्धि का विरोध अब मेरठ में भी शुरू हो गया है। फीस वृद्धि के विरोध में यहां के सामाजिक संगठन सड़कों पर उतर आए हैं। सामाजिक संगठन कार्यकर्ताओं ने सरकार से फीस वृद्धि में निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग की है। सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद यह मुद्दा प्रमुखता से उठा था और प्रदेश सरकार ने भी निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस वृद्धि की बात को मानते हुए वर्ष 2018 से इस पर अंकुश लगाने की बात कही थी, लेकिन सरकार के आदेश की अवहेलना करते हुए निजी स्कूल संचालकों ने फिर से इस बार मनमाने तरीके से फीस में वृद्धि कर दी है। इसका विरोध तो पहले ही अभिभावक कर रहे थे, लेकिन अब इनके समर्थन में सामाजिक संगठन भी उतर आए हैं। ये रामधुन गाकर फीस वृद्धि का विरोध कर रहे हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खबरों के लिए क्लिक करें पत्रिका टीवी

निजी स्कूलों पर अंकुश लगाने की मांग

बच्चा पार्क पर सुरभि परिवार के बैनर तले अभिभावकों और संगठन के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर इस निजी स्कूलों पर अंकुश लगाने की मांग की। दिनेश तलवार का कहना था कि 133 करोड़ की आबादी को पब्लिक स्कूल लूट रहे हैं। सरकार खामोश बैठी है। आम आदमी परेशान है। सरकार की आंखें खोलने के लिए मेरठ के सामाजिक कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यह मांग कर रहे हैं कि बेटियों की रक्षा करें। बेटियों को पब्लिक स्कूल में निशुल्क शिक्षा दिलवाएं। बेटियों की शिक्षा का खर्च सरकार को उठाना चाहिए तो हो रहा है इसका उल्टा।

यह भी पढ़ेंः आंगनबाड़ी केंद्रों पर सत्तू की जगह बच्चों को मिलेगा यह, कार्यकत्री भी होंगी हार्इटेक

सरकार चुप बैठी हुर्इ है

इनका कहना है कि ये पब्लिक स्कूल सरेआम लूट कर रहे हैं और सरकार चुप बैठी है। शिक्षा विभाग भी मौन है। इनकी तरफ से सरकार ने आंखें बंद कर रखी हैं। सरकार की आंखें खोलने के लिए महिला समाजिक कार्यकर्ताअों ने रामधुन गाकर सरकार की आंखें खोलने के साथ-साथ पब्लिक स्कूलों की फीस वृद्धि का विरोध करना शुरू किया।

यह भी पढ़ेंः इस शहर में बच्चों के यौन शोषण को खत्म करने के लिए बनी टास्क यूनिट