
बड़ी बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग एक अगस्त से ला रहा यह धाकड़ प्लान, बड़ों-बड़ों के उड़ जाएंगे होश
मेरठ। छोटे स्तर पर होने वाली बिजली चोरी में सफलता हासिल होने के बाद अब बड़ी बिजली चोरी करने वालों पर बिजली विभाग नकेल कसने जा रहा है। अफसरों ने अब एेसा प्लान तैयार किया है, जिससे बड़े स्तर पर बिजली चोरी करने वालों पर गाज गिरेगी। पीवीवीएनएल ने 10 किलोवाट एवं अधिक भार वाले सभी उपभोक्ताओं की माॅनीटरिंग के लिए एचवी आॅडिट सेल का गठन किया गया है। यह सेल मेरठ समेत पीवीवीएनएल के अंतर्गत कुल 14 जनपदों में काम करेगी।
एचवी आॅडिट सेल का यह होगा काम
हाई वोल्टेज बड़े उपभोक्ताओं के एमआरआई आधारित बिल बनाकर आनलाइन वितरण, उपभोक्ताओं का गुणांक, डबल मीटरिंग, टेम्पर रिपोर्ट, लोड फेक्टर इत्यादि का विश्लेषण कराकर राजस्व क्षय को हाईवोल्टेज आॅडिट सेल (एचवी सेल) रोकेगी। यह सेल गंभीर प्रवृत्ति के प्रकरणों की गोपनीय जांच आैर राजस्व क्षय रोकने में मददगार साबित होगी। इस सेल द्वारा 10 किलोवाट से अधिक भार वाले उपभोक्ताओं की जांच कराकर खपत का एमआरआई द्वारा एनेलेसिस करके राजस्व हानि करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवार्इ करेगी। इसके अलावा यह सेल गलत टैरिफ, कम स्वीकृत भार एवं त्रुटिपूर्ण या कम निर्धारण वाले बिलों का आॅडिट कर बिलों में संशोधन भी कराएगी।
एक अगस्त से काम शुरू करेगी सेल
पीवीवीएनएल के एमडी आशुतोष निरंजन की अध्यक्षता में हाई वोल्टेज आॅडिट सेल (एचवी आॅडिट सेल) का गठन किया गया है। यह सेल एक अगस्त 2018 से काम शुरू कर देगी, ताकि राजस्व वसूली के बेहतर परिणाम उपलब्ध कराये जा सके। विदित है कि 25 जुलार्इ को यूपी पावर कारपाेरेशन के अध्यक्ष ने पोटेंशियल मिसिंग केसों में कार्रवार्इ नहीं होने पर कड़ी नाराजगी जतार्इ थी। सेल के गठन होने से बड़े उपभोक्ताओं की एमआरआई आधारित बिल बनाकर आनलाइन वितरण किया जायेगा। इससे लिपिकों द्वारा बड़े उपभोक्ताओं की मेनुएल बिल बनाने की प्रथा को समाप्त किया जा सकेगा। एमडी आशुतोष निरंजन ने बताया कि सेल के गठन होने से विद्युत चोरी की रोकथाम के लिये बड़े उपभोक्ताओं की एमआरआई कराकर मीटर की कुल खपत एवं लोड का तुलनात्मक अध्ययन कर विद्युत चोरी एवं राजस्व हानि को रोका जा सकेगा।
Published on:
29 Jul 2018 07:44 pm
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