
मेरठ। सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों ने बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल में हिस्सा लिया। यह हड़ताल अखिल भारतीय बैंक एसोसिएशन के बैनर तले की गई। इस दौरान सभा करके प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की और केंद्र सरकार की नीतियों पर रोष जताया। राष्ट्रीय जन संगठन मंच के नेतृत्व में यह हड़ताल रखी गई।
संगठन के संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि सरकार की कथित कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर प्रस्तावित हड़ताल में शामिल हुए हैं। इस हड़ताल में ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन और बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के कर्मचारी शामिल हुए हैं। राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बारे में इंडियन बैंक एसोसिएशन को सूचित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि हड़ताल के कारण कुछ क्षेत्रों में बैंकों की शाखाओं में कामकाज प्रभावित होगा। इस हड़ताल में दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों इंटक, ऐटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, एआईसीसीटीयू, यूटीयूसी, टीयूसीसी, एलपीएफ और सेवा ने भी शामिल हैं।
बता दें कि देशभर में सरकारी बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी बुधवार को हड़ताल पर रहे। इससे देश भर में बैंकिंग सेवाओं पर खासा असर पड़ा है। बैंक कर्मचारी संगठनों की विजया बैंक और देना बैंक के बैंक ऑफ बड़ौदा में प्रस्तावित विलय और वेतन संबंधी समझौते में देरी के विरोध में देशव्यापी हड़ताल जारी है। यह हड़ताल कल भी जारी रहेगी। प्रदर्शन के बाद हड़ताली कर्मचारियों और अधिकारियों ने प्रदर्शन स्थल पर आम सभा की, जिसे यूनाइटेड फोरम के घटक संगठनों के विभिन्न नेताओं ने संबोधित किया।
Published on:
08 Jan 2020 06:43 pm
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