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यूपी पुलिस में दारोगा के बजाय दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल अच्छा था- अजीत सिंह

मेरठ के दारोगा ने यूपी पुलिस की व्यवस्था से तंग आकर नौकरी छोड़ी दी है। उनका कहना है कि इससे अच्छा दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी है।

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sub inspector sanjay sharma resign from up police

मेरठ। सूबे की सरकार भले ही पुलिसकर्मियों की सुविधा में इजाफा कर रही है। लेकिन, यहां के अफसर अब यूपी पुलिस में नौकरी करने को तैयार नहीं हैं। तभी तो मेरठ के दारोगा अजीत सिंह ने उत्तर प्रदेश पुलिस की नौकरी से तंग आकर इस्तीफा दे दिया है। इतना ही नहीं उनका यह भी कहना है कि उत्‍तर प्रदेश पुलिस की नौकरी से बेहतर दिल्ली पुलिस में मैं कांस्टेबल अच्छा था। अजीत सिंह ने कहा कि दारोगा की नौकरी से अच्छा है कि वह दिल्ली पुलिस में एक बार फिर कांस्टेबल बनकर नौकरी करने लग जाएं। दरअसल, काम का बोझ और अधिकारियों की फटकार उत्‍तर प्रदेश पुलिस के एसआई और कांस्टेबल स्तर के कर्मचारियों के लिए मानसिक तनाव का कारण बना हुआ है। वहीं, डयूटी शेडयूल में अवकाश का कहीं नामोनिशान नहीं है, जिसकी वजह से पुलिसकर्मी हमेशा तनाव में रहते हैं।


24 घंटे के ड्यूटी शेड्यूल से परेशान थे दारोगा

उत्तर प्रदेश पुलिस के 24 घंटे के ड्यूटी शेड्यूल से असंतुष्ट एसआई अजीत सिंह ने गुरुवार को एसएसपी मंजिल सैनी के सामने पेश होकर अपना इस्तीफा दे दिया। दारोगा का कहना है कि यूपी पुलिस में एसआई की जगह वह दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल बनकर नौकरी करना ज्यादा पसंद करेगा। एसएसपी मंजिल सैनी ने नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

दिल्ली पुलिस में रह चुके हैं कांस्टेबल

एसआई के मुताबिक वह वर्ष 2010 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल थे और टेक्निकल रिजाइन देकर यूपी पुलिस में दारोगा के पद पर भर्ती हुआ था। दारोगा बनने के बाद उन्होंने महसूस किया कि यूपी पुलिस में कर्मचारी के पास अपनी जिंदगी जीने के लिए समय ही नहीं है। इसलिए वह वह फिर से दिल्ली पुलिस में सिपाही बनना चाहते हैं। दारोगा के बड़े भाई मैनपुरी की किसनी तहसील में एसडीएम हैं।

2011 में यूपी पुलिस में हुए थे भर्ती

अलीगढ़ जिले के खैर निवासी अजीत सिंह का उत्तर प्रदेश पुलिस के वर्ष 2011 बैच में उप निरीक्षक पद पर चयन हुआ था। एक सितंबर 2017 को उनकी आमद मेरठ के रोहटा थाने में हुई। अजीत सिंह का कहना है कि यूपी पुलिस में न तो ड्यूटी का कोई शेड्यूल है और न हीं छुट्टी ही आसानी से मिल पाती है।

तीन माह में 12 किग्रा वजन हुआ कम

अजीत सिंह ने अपना दुख बयान करते हुए कहा कि तीन माह में उनका वजन 12 किलो वजन कम हो गया। दारोगा का कहना है कि निरंतर ड्यूटी करने से उनकी तबीयत खराब हो गई है।


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