
मेरठ। स्वाइन फ्लू (Swine Flu) का कहर मेरठ (Meerut) जनपद में जारी है। पिछले दो महीने में 71 लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। पिछले 24 घंटे में तीन और मौत होने से यह आंकड़ा 12 तक पहुंच गया है। इसी बीच छठी वाहिनी पीएसी (PAC) के 17 जवानों समेत 19 को स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इससे स्वास्थ्य विभाग (Health Department) में हड़कंप मचा हुआ है। विभागीय अफसरों का दावा है कि लोगों को जागरूक किया जा रहा है। विभाग ने नए सिरे से गाइडलाइन जारी की हैं। लखनऊ की टीम शनिवार को मेरठ पहुंचेगी और स्वाइन फ्लू की पड़ताल करेगी।
मेरठ में स्वाइन फ्लू खतरनाक होता जा रहा है। पूरे प्रदेश में स्वाइन फ्लू से संख्या 25 भी नहीं पहुंची है, जबकि मेरठ जनपद में ही 71 मरीज स्वाइन फ्लू से पीडि़त मिले हैं। छठी वाहिनी पीएसी के 441 जवानों को स्वास्थ्य विभाग ने टेमीफ्लू की दवा दी है। स्वाइन फ्लू को लेकर पीएसी और स्वास्थ्य विभाग में अफरातफरी मची हुई है। पिछले 24 घंटे में पीएसी के 27 जवानों को मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें 17 जवानों को स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इनमें खांसी, जुकाम और बुखार की शिकायत है।
सीएमओ डा. राजकुमार का कहना है कि निजी अस्पतालों में भर्ती स्वाइन फ्लू के मरीजों की जानकारी समय से नहीं मिल पा रही है, इससे उनकी मृत्यु के बाद ही स्वाइन फ्लू का पता चल रहा है। उन्होंने हिदायत दी कि स्वाइन फ्लू के मरीजों की समय से सूचना दें, ताकि उनका समय पर इलाज कराया जा सके। निजी अस्पताल में अपने यहां स्वाइन फ्लू वार्ड बनाएं ताकि अन्य मरीजों को चपेट में आने से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि मेडिकल कालेज अस्पताल में 40 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। सुभारती व मुलायम सिंह यादव अस्पताल में 10-10 बेड के आइसोलेशन वार्ड हैं। यह एक संक्रामक रोग है जो एक से दूसरे में फैलता है।
स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन
बुखार के साथ बहती नाक, खांसी और गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत, जोड़ों व सिर में दर्द, थकावट व सर्दी लगने और थूक के साथ खून आने वाले मरीजों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी की हैं। इसके मुताबिक हाथ व गले मिलाने से बचें, खांसते व छींकते समय मुंह व नाक पर रूमाल रखें, हाथों को साबुन से बार-बार धोएं, पानी का अधिक सेवन करें, 101 डिग्री तक बुखार है तो तुरंत डाक्टरों को दिखाएं। चिकित्सकों का कहना है कि हवाई यात्रा इसका प्रमुख कारण है। इस वायरस से सीधे बचा नहीं जा सकता है, क्योंकि यह वातावरण में है। अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं।
Published on:
29 Feb 2020 09:51 am
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