6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अगर सूनी है आपकी गोद तो सावन शिवरात्रि पर करें यह उपाय

सावन का महीना होता है शिव पूजा का, भगवान शिव होते हैं जल्दी प्रसन्न

2 min read
Google source verification
meerut

अगर सूनी है आपकी गोद तो सावन शिवरात्रि पर करें यह उपाय

मेरठ। कहते हैं सावन में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्टों और दुखों से मुक्ति मिल जाती है, लेकिन कभी-कभी पूजा के बाद भी कष्टों से छुटकारा नहीं मिलता तो उसके भी उपाय हिन्दू धर्मशास्त्र में दिए गए हैं। जरूरत है उसको सही समय और सही जानकारी मिलने पर करने की। यदि आपने भगवान भोलेनाथ की यह पूजा सही समय पर और उनकी प्रिय वस्तु के साथ बताई गई विधि से की तो भगवान भोलेनाथ जरूर प्रसन्न होकर अाशीर्वाद देंगे। अगर किसी महिला की गोद सूनी है और वह उपाय कराकर परेशान हो चुकी है, उसे कोई लाभ नहीं मिल रहा तो गुरूवार को पड़ने वाली शिवरात्रि से इस उपाय को शुरू करें और यह उपाय निरंतर 21 दिन तक करना है। फिर देखिए भोलेनाथ का चमत्कार आपकी सूनी गोद किलकारी से गूंजने लगेगी, लेकिन उससे पहले आपको यह उपाय करना होगा।

यह भी देखेंः राम मंदिर पर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरी की भाजपा को ये चेतावनी

बेलपत्र का यह कारगर उपाय करें शिवरात्रि पर

संतान प्राप्ति की आपकी कामना बहुत जल्दी पूरी हो सकती है। अगर आप संतान की कामना कर रहे हैं तो बेलपत्र के कारगर और चमत्कारी प्रयोग से बहुत जल्दी आपकी सूनी गोद भर सकती है, इसके करें ये उपाय करें। पंडित कमलेश्वर के अनुसार शिवरात्रि के दिन अपनी उम्र के बराबर बेलपत्र लें और एक बर्तन में कच्चा दूध लें। एक-एक बेलपत्र दूध में डूबाते जाएं और शिवलिंग पर चढ़ाए जाएं। हर बेलपत्र चढ़ाने के साथ 'ओम नमो भगवते महादेवाय' का जाप करें। इसके बाद महादेव से संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें। ऐसा आपको शिवरात्रि से शुरू करना होगा और 21 दिन तक करना होगा।

यह भी पढ़ेंः सावन में घर लाएं भोलेनाथ की ये प्रिय चीजें तो जीवन में आएंगे मनोवांछित बदलाव

पूजा के दौरान ये सावधानियां भी बरतें

पूजा करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि एक बेलपत्र में तीन पत्तियां होनी चाहिए। पत्तियां कटी या टूटी हुई न हों और उनमें कोई छेद भी नहीं होना चाहिए। भगवान शिव को बेलपत्र चिकनी ओर से ही अर्पित करें। शिव जी को बेलपत्र अर्पित करते समय उपरोक्त मंत्र का जाप करें। बेलपत्र बिना धुला नहीं होना चाहिए।