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बारिश के बाद मंडराया बाढ़ का खतरा, गंगा किनारे बसे ग्रामीणों की बढ़ी चिंता

बारिश द्वारा पिछले चार दिन से उत्तराखंड में लगातार तबाही मचाने के बाद वहां पर बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। जिसके चलते हरिद्वार से कई हजार क्यूसेक गंगा पानी को वहां से डिस्चार्ज कर दिया गया है। जिससे मेरठ से लेकर बिजनौर और गढ तक बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है।

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मेरठ

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Nitish Pandey

Oct 20, 2021

Ganga River and Organic Farmin in India

Ganga River and Organic Farmin in India

मेरठ/बिजनौर. शनिवार से सोमवार तक हुई झमाझम बारिश के बाद से जिले के खादर इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। उत्तराखंड में हुई तेज बारिश ने पहाड़ी इलाकों में प्रलय मचाई। जिसके बाद हरिद्वार में गंगा का पानी बढ़ने लगा। इसके बाद बढ़ते जलस्तर को कम करने के लिए हरिद्वार भीमगोड़ा बैराज से ग्यारह बजे तीन लाख पैंसठ हजार क्यूसैक पानी डिस्चार्ज चल रहा है। जिस कारण बैराज से लगातार जलस्तर मे वृद्धि हो रही है। उधर, हरिद्वार से बढ़ा हुआ पानी हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र में तबाही मचा सकता है। एक बार फिर गंगा किनारे बसे गांवों के बाढ़ के चपेट में आने की संभावना है।

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हस्तिनापुर और बिजनौर क्षेत्र में गंगा के जलस्तर में हुए वृद्धि से खादर क्षेत्र मे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। जिससे गंगा किनारे बसे लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी हैं। डीएम के. बालाजी ने गंगा किनारे पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया।

बिजनौर बैराज के अवर अभियंता पीयूष कुमार के अनुसार दोपहर बारह बजे गंगा नदी का जलस्तर बढ़कर एक लाख 56 हजार क्यूसेक हो गया है, जबकि क्षतिग्रस्त तटबंध से भी पानी ओवरफ्लो होकर निकलने लगा है। शेरपुर खादर के सामने क्षतिग्रस्त तटबंध से पानी निकलकर खेतों की ओर जाने लगा है। इससे क्षेत्र के नई बस्ती, दबखेड़ी, हरिपुर, भागोपुर, लतीफपुर समेत कई गांवों मे किसानों की फसलों को भारी नुकसान हो सकता है। इस समय धान की फसल पक कर खेतों में तैयार खड़ी है।

डीएम के. बालाजी, एडीएम एफ सुभाष प्रजापति व एसडीएम मवाना कमलेश कुमार गोयल ने मौके का निरीक्षण किया तथा तहसीलकर्मियों के बढते जलस्तर पर नजर रखने व मुख्यालय से संपर्क बनाये रखने के निर्देश दिए। वही सिचाई विभाग के इंजीनियरों को निर्देश दिए गये है।

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