
मेरठ। मेरठ पुलिस भले ही अपराधों पर मुस्तैदी के चाहे जितने दावे करे, लेकिन हकीकत पुलिस के दावों से कहीं अलग हैं। मेरठ में पुलिसिंग जमीन से हटकर मोबाइल पर होने लगी है। यही वजह है कि मेरठ पुलिस के जांबाज थानेदार फेसबुक और व्हाॅट् एेप पर पुलिसिंग के झंडे गाड़ रहे हैं। पुलिस प्रशासन की साझा बैठकों में जिले की पुलिसिंग की प्लानिंग की जाती है, लेकिन इस प्लानिंग की हकीकत का अंदाजा इस वीडियो को देखकर लगा सकते हैं। भले ही मेरठ पुलिस के आला अधिकारी कानून व्यवस्था के प्रति संवेदनशील हों, लेकिन थानेदार कितने संवेदनशील हैं इसकी पोल शांति समिति की बैठक में खुल गई।
शांति समिति की बैठक हुर्इ
दरअसल होली के मद्देनजर जिला पुलिस प्रशासन ने कानून व्यवस्था को लेकर शांति समिति की बैठक की। इस बैठक में जिलाधिकारी, एसएसपी ,एसडीएम से लेकर थाना स्तर तक के अधिकारी मौजूद रहे। जहां एक तरफ अधिकारी होली को लेकर दिशा निर्देश देते रहे। तो वहीं दूसरी तरफ मेरठ पुलिस में मुस्तैदी का दम भरने वाले थानेदार फेसबुक, व्हाॅट्स एेप और दूसरे एप्लीकेशंस में व्यस्त रहे। अधिकारियों के दिशा-निर्देशों और होली के मद्देनजर की जाने वाली व्यवस्थाओं को उन्होंने अनसुना कर दिया। करीब तीन घंटे चलने वाली इस बैठक में थानेदार मोबाइल पर व्यस्त नजर आए और तो और थाना सरधना के प्रभारी धर्मेंद्र राठौर तो सो भी गए। इस मामले में जब मीडिया ने एसएसपी से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि लापरवाह थानेदारों को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
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बढ़ गया है क्राइम ग्राफ
महीनेभर में जनपद में अपराधों का ग्राफ काफी बढ़ा है। परतापुर में डबल मर्डर, रजापुर में गवाहों की हत्या, मवाना में कर्इ लूट समेत कर्इ आपराधिक वारदातों की रिपोर्ट लखनउ तक भी पहुंच चुकी है। पिछले दिनों डीजीपी ने भी मेरठ पुलिस को विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए थे। लगता है इन थानेदारों पर डीजीपी के निर्देशों का कोर्इ फर्क नहीं पड़ा है।
Published on:
26 Feb 2018 05:50 pm
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