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इस बार यूपी बोर्ड में नकल की, तो नकलची हो जाएंगे आॅनलाइन!

छह फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की परीक्षाएं, नकल रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों पर किए जा रहे हैं पुख्ता इंतजाम

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meerut

मेरठ। छह फरवरी से शुरू हो रही बोर्ड परीक्षा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इसको लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं। भाजपा सरकार ने नकल रोकने के पुख्ता इंतजाम किए जाने के निर्देश दिए हैं। लखनऊ से लेकर सभी जिलों तक शिक्षा अधिकारी तैयारियों में जुटे हुए हैं। नकल होने पर जिम्मेदार अधिकारी पर गाज गिरनी तो तय है, लेकिन उसके साथ ही नकल करने वाले छात्र को भी इसका खामियाजा भुगतना होगा। अनुपस्थित छात्रों पर भी इस बार बोर्ड नकेल कसने की तैयारी में है।

अनुपिस्थत छात्र भी उठाएंगे खामियाजा

हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के दौरान अनुपस्थित रहने वाले और नकल करते हुए पकड़े गए छात्र-छात्राओं की जानकारी केंद्रों को बोर्ड की वेबसाइट पर देनी होगी। इस संबंध में सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षकों को इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके लिए परीक्षा केंद्रों के प्रधानाचार्यों और केंद्र व्यवस्थापकों को यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपनी लॉग इन आईडी एवं पासवर्ड से अपना पैनल खोलकर उसमें परीक्षा का नाम उसकी तिथि तथ पाली का चयन करना होगा। चयन करते ही तत्काल वेबसाइट पर उस परीक्षा केंद्र पर उस तिथि एवं पाली में परीक्षा में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों के अनुक्रमांक एवं नाम के साथ सूची प्रदर्शित होने लगेगी। इस सूची में प्रत्येक अनुक्रमांक के सामने संबंधित परीक्षार्थी की अनुपस्थिति या अनुचित साधनों के प्रयोग करते हुए पकडे जाने की सूचना दर्ज करनी होगी। इसके बाद इसकी दो प्रतियां प्रिट कर निकालनी होगी और उस पर परीक्षा व्यवस्थापक अपना साइन करेंगे। इसके बाद उसे उत्तर पुस्तिका के बंडल में रखकर उसे सील करना होगा।

उसी दिन डाटा फीड करना होगा जरूरी

अनुपस्थित या नकल करते पकड़े गए छात्र का डाटा उसी दिन फीड करन अनिवार्य होगा। परीक्षा के तुरंत बाद केंद्र व्यवस्थापक या प्रधानाचार्य को प्राथमिकता के आधार पर यह कार्य करना होगा। आॅनलाइन रोल नंबर दर्ज होने की जानकारी परीक्षा केंद्र से लेकर डीआईओएस और बोर्ड के अधिकारियों को भी होगी।

पहले होती थी कागजी कार्रवाई

इससे पहले नकलचियों के पकड़ जाने पर कागजी कार्रवाई होती थी। कागजी खानापूर्ति में समय अधिक लगने के कारण नकलचियों पर केंद्र व्यवस्थापक या प्रधानाचार्य कार्रवाई करने से बचते थे।