
मेरठ। मुस्लिम महिला ( विवाह अधिकार संरक्षण ) अध्यादेश, 2019 के अस्तित्व में आने के बाद माना जा रहा था कि ट्रिपल तलाक के मामलों में काफी हद तक अंकुश लगेगा। लेकिन इस बिल के पास होने के बाद अकेले मेरठ में ही दो दिन में तीन मामले सामने आ चुके हैं। इसी के तहत मेरठ एसएसपी ऑफिस पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई। पीड़िता का कहना है कि उसके पति ने सिर्फ इसलिए उसे इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि उसका कोई बेटा नहीं है।
मेरठ के थाना जानी क्षेत्र की रहने वाली तीन तलाक पीड़ता बुशरा ने अपने पति और ससुरालियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि उसका निकाह जिला बागपत के चमरावल गांव के रहने वाले मोहसिन के साथ तीन साल पहले हुआ था। शादी के एक साल तक तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा। लेकिन जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया उसको मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देनी शुरू कर दी गई। पीड़ित बुशरा ने बताया कि उसकी एक तीन माह की बेटी भी है।
बुशरा का आरोप है कि लगातार उसके साथ मारपीट की जाने लगी और उसको उसके घर भेज दिया जाता था। जब पीड़िता ने अपने पति के साथ रहने की जिद की तो उसको जान से मारने की कोशिश भी की गई। जिसकी सूचना उसने अपने परिवार वालों को दी और उसका भाई जब उसे लेने के लिए पहुंचा तो पति और उसके घर वालों ने उसके भाई के साथ भी मार पीटकर की और उसके भाई को घर से बाहर निकाल दिया। पीड़िता ने जब अपने पति से पूछा तलाक देने का कारण पूछा तो पति का कहना था तू लड़का पैदा करने में सक्षम नहीं है। इसलिए तुझे मैं नहीं रख सकता।
घर से निकलते समय बुशरा के पति मोहसिन ने उसे तीन तलाक दे दिया। उसकी तीन माह की बेटी को भी जबरन अपने पास रख लिया। जब बुशरा और उसके परिवार वालों ने मेरठ के थाना जानी में उसकी शिकायत की तो पुलिस का ढीला-ढाला रवैया रहा है और कोई कार्यवाही नहीं की गई। अब उसका पति और ससुराल वाले बुशरा को मारने की लगातार धमकियां दे रहे हैं। लेकिन जानी पुलिस है कि कोई कार्रवाई करने के लिए तैयार ही नहीं है। अब पीड़ित ने थाना पुलिस से परेशान आकर एसएसपी ऑफिस पहुंचकर अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है।
Updated on:
04 Aug 2019 11:41 am
Published on:
04 Aug 2019 11:40 am
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