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लोहा व्यापारी ने मुंह के अंदर पिस्टल की नाल रखकर दबा लिया ट्रिगर, एक झटके में खत्म हुई जिंदगी

सूचना मिलने के बाद परतापुर थाना प्रभारी शैलेंद्र प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे। इसके बाद नितिन ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि मनीष उनसे अपनी एक आंख की रोशनी चले जाने को लेकर बातचीत कर रहे थे।

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मेरठ

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Nitish Pandey

Oct 27, 2021

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मेरठ. उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद में एक बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां ई-रिक्शा के कंपनी के ऑफिस में बैठे युवक ने मुंह में पिस्टल की नाल घुसाकर खुद को गोली मार ली। जिसके बाद ऑफिस में मौजूद मालिक और कर्मचारियों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी।

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पुलिस ने कब्जे में लिया पिस्टल

सूचना मिलने के बाद आनन-फानन में पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने घटना की जानकारी मृतक के परिजनों को दी। जिसे बाद मृतक के तीनों भाई और पत्नी मौके पर पहुंच गए। इसके साथ ही पुलिस ने मौके से व्यापारी की पिस्टल कब्जे में ले ली। जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई।

ये है पूरा मामला

बता दें कि ब्रहमपुरी थाना क्षेत्र के बिजली बंबा बाइपास स्थित पर्ल रेजिडेंसी में मनीष गांधी पत्‍नी भावना गांधी और दो बेटियों के साथ रहते थे। रोजाना की तरह वह अपने दोस्त नितिन शर्मा की बादशाह ई-रिक्शा कंपनी मोहकमपुर फेस टू में गए थे। जिसके चलते मनीष अपने दोस्त नितिन के केबिन में बैठे हुए थे। इसके बाद करीब डेढ़ बजे मनीष उनके केबिन से उठकर बाहर वाले केबिन में बैठ गए। जिसके बाद मनीष ने अपने लाइसेंसी पिस्टल मुंह में डालकर गोली चला दी। गोली की आवाज सुनकर ऑफिस में हड़कंप मच गया। गोली लगने के बाद मनीष का शव खून से लथपथ कुर्सी पर पड़ा था।

मौके पर पहुंची पुलिस

सूचना मिलने के बाद परतापुर थाना प्रभारी शैलेंद्र प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे। इसके बाद नितिन ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि मनीष उनसे अपनी एक आंख की रोशनी चले जाने को लेकर बातचीत कर रहे थे। उनकी दूसरी आंख की रोशनी भी धीरे-धीरे कम हो रही थी।

मृतक को व्यापार में हो रहा था घाटा

इसके साथ ही पुलिस की प्राथमिक जांच में आया कि मृतक मनीष ने भी बादशाह ई-रिक्शा में रकम लगा रखी थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि वह अपनी रकम वापस चाहते थे और उसे लेने ही वह अक्सर बादशाह ई-रिक्शा के कार्यालय में आते थे। इसके साथ नितिन शर्मा ने बताया कि दो साल से मनीष गांधी को व्यापार में नुकसान हो रहा था। मनीष पहले लोहे की चादर का काम करते थे। व्यापार में नुकसान के कारण जून में मनीष ने अपना देवपुरी वाला मकान बेचकर पर्ल रेजिडेंसी कालोनी में नया मकान खरीदा था। रोजाना मनीष सुबह साढ़े 11 बजे कंपनी पहुंच जाते थे। यही पर कई-कई घंटे बातचीत करने के बाद घर लौट जाते थे।

मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला

वहीं इस पूरे मामले पर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि मनीष का गोली लगा शव ई-रिक्शा कंपनी के ऑफिस में मिला है। फोरेंसिक टीम को जांच के लिए भेजा था। मनीष के हाथ से रिवाल्वर कब्जे में ले ली है। प्रथम जांच में मामला आत्महत्या का सामने आया है। इसके साथ ही मौके से सुसाइड नोट नहीं मिला है।

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