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मेरठ के ये कस्बे होंगे वाईफाई से लैस, लोगों को मिलेगी फ्री एबुलेंस की सुविधा

मेरठ के किठौर और शाहजहापुर कस्बों में हुई पहली बोर्ड बैठक में शांतिपूर्वक विकास कार्यों को हरी झंडी दे दी गई

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मेरठ

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Rahul Chauhan

Jan 09, 2018

meerut

मेरठ। एक तरफ जहां मेरठ नगर निगम बैठक में विकास कार्य और योजनाएं राष्ट्रगान और वंदेमातरम के विवाद की भेट चढ़ रही हैं। वहीं दूसरी ओर मेरठ के दो कस्बों किठौर और शाहजहापुर में हुई पहली बोर्ड बैठक में शांतिपूर्वक विकास कार्यों को हरी झंडी दे दी गई। किठौर-शाहजहांपुर नगर पंचायत बोर्ड की पहली बैठकों में दोनों कस्बों के विकास के लिए प्रस्ताव सर्वसम्मिति से पास हुए। जिसके बाद अब इन कस्बों में लोगों को आधुनिक सुविधायाएं मुहैया कराई जाएंगी। दरअसल जल्द ही मेरठ शहर के ये कस्बे वाईफाई जैसे इंटरनेट सुविधा से लैस होंगे। साथ ही यहां लोगों को फ्री एम्बुलेंस की भी सुविधाया मिलेगी।

बैठक में तीन प्रस्तावों को मिली मंजूरी
मेरठ नगर नगर निगम के लिए मिसाल बने किठौर चेयरपर्सन नाविद चौहान और शाहजहांपुर चेयरपर्सन राना खानम ने बोर्ड के सदस्यों का परिचय प्राप्त करने के बाद सदस्यों से सीधे विकास के प्रस्ताव मांगें। जिस पर सदस्यों ने कस्बे में इंटरनेट की सुविधा न होने और एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराये जाने की बात कही। जिस पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पूरे कस्बे को वाई फाई से लैस किया जाएगा। इसके बाद कस्बे में लोगों की इंटरनेट संबधी य समस्या भी समाप्त हो जाएगी। इसी के साथ यह भी प्रस्ताव पास किया गया कि कस्बावासियों के लिए निशुल्क एबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई जाए। जिससे गरीब तबके के लोगों को शहर जाने में कोई परेशानी न आए। इन दोनों महत्वपूर्ण प्रस्तावों के अलावा छात्रों के लिए अलग से एक लाइब्रेरी की भी व्यवस्था करने को मंजूरी दी गई।

क्या बोली चेयरपर्सन ?
शाहजहांपुर की चेयरपर्सन राना खानम का कहना है कि हमकों जनता ने क्षेत्र के विकास करने के लिए चुना है। न कि हंगामा करने के लिए। मेरठ नगर निगम की बैठक में हंगामें के बारे में जब उनसे बात की गई तो उनका कहना था कि निगम बैठक में विकास की बात होनी चाहिए। जनता ने आपको विकास के काम कराने के लिए चुना है न कि हंगामा करने के लिए। और इसी धारणा के तहत कस्बे के विकास और लोगों की जरूरतों को देखते हुए ये फैसले लिए गए है। जो कि जनहित के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे।

सांप्रदायिकता के लिए जाने जाते हैं कस्बे
गौरतलब है कि मेरठ के इन दोनों कस्बों में हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। अभी कुछ दिन पहले ही चुनाव के तुरंत बाद हुए सांप्रदायिक विवाद में खुलकर गोलियां चली थी और दलित चिकित्सक ने पलायन कर दिया था। नगर पंचायत बोर्ड में दोनों समुदाय के लोग हैं।