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मेरठ ( latest meerut news) अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा के विरोध में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के छात्रों ने आस्तीने चढ़ा ली हैं। छात्रों का कहना है कि विवि और यूजीसी कोरोना संक्रमण काल में छात्रों को जानबूझकर खतरे में धकेल रहा है।
साेमवार को अपनी इसी मांग के साथ छात्र प्रदर्शन करते हुए चौधरी चरण सिंह विवि के गेट के सामने धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे छात्रों ने यूजीसी की गाइडलाइन, शासन के प्रस्ताव और विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों का कहना है कि जिस तरह से कोविड-19 ( COVID-19 virus)
का संक्रमण बढ़ रहा है उससे अभी खतरा बना हुआ है। कोरोना से बचने के लिए ही छात्रों ने हॉस्टल और शहर छोड़ दिया और वे अपने गांव में हैं। ऐसे में अगर वह परीक्षा देने कैसे आएंगे। परीक्षा के दौरान अगर किसी छात्र को कोरोना होता है तो उसकी किसकी जिम्मेदारी होगी।
छात्रों ने बगैर परीक्षा अगली कक्षा में जाने की मांग है। इसके लिए छात्रों ने 'नो एग्जाम प्रमोट स्टूडेंट्स' की मुहिम चलाने का फैसला किया। इसके लिए सोशल मीडिया से लेकर अलग-अलग कालेजों में प्रदर्शन के माध्यम से विरोध दर्ज कर रहे हैं। धरने से छात्रों को हटाने के लिए मौके पर विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस भी पहुंची। पुलिस ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए छात्रों को इस तरह के धरना-प्रदर्शन करने से मना किया। इसको लेकर पुलिस की छात्र नेताओं से बहस भी हुई।
धरनास्थल पर पहुंचे चीफ प्रॉक्टर को छात्रों ने ज्ञापन सौंपा इसके बाद वे धरने से उठ गए। छात्रों ने चीफ प्रोक्टर से परीक्षा टलने तक विरोध करते रहने की बात कही। इस दौरान देवेश राणा, शान मोहम्मद, प्रदीप कसाना,विजय बहादुर, मोहित रस्तोगी,हेविन खान, महताब मूसा, विकास कुमार, सुहैल, अजित आदि रहे।
Updated on:
20 Jul 2020 10:16 pm
Published on:
20 Jul 2020 09:43 pm
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