
मेरठ। एक समय था जब यूपी बोर्ड की परीक्षा में व्यक्तिगत छात्रों की संख्या सर्वाधिक हुआ करती थी। बात 90 के दषक की करें तो यह संख्या लाखों के पार पहुंचती थी। मेरठ यूपी बोर्ड रीजनल कार्यालय के अनुसार 1995 में बोर्ड के परीक्षार्थियों में व्यक्तिगत छात्रों की संख्या 9 लाख थी। जिसमें हाईस्कूल और इंटर दोनों के छात्र शामिल थे। वहीं इस बार बोर्ड की परीक्षा देने वाले व्यक्तिगत छात्रों की कुल संख्या हाईस्कूल में 8692 और इंटर में 21422 रही। इस बार व्यक्तिगत छात्रों का आंकड़ा तीस हजार के अंक को ही छू पाया। यही स्थिति प्रदेश के अन्य बोर्ड कार्यालयों में भी रही।
मेरठ परिक्षेत्र में आते हैं 16 जिले
बोर्ड कार्यालय मेरठ परिक्षेत्र में चार मंडल और 16 जिले आते हैं। इन 16 जिलों में परीक्षा का संचालन और माध्यमिक शिक्षा की कमान मेरठ बोर्ड कार्यालय के अधीन है। मेरठ बोर्ड कार्यालय के क्षेत्रीय सचिव राणा सहस्त्राषु सुमन के अनुसार हाईस्कूल में सहारनपुर और इंटर में मुजफरनगर जिले में व्यक्तिगत छात्रों की सर्वाधिक संख्या रही। सहारनपुर हाईस्कूल में 1664 और मुजफरनगर इंटर में 3677 छात्र व्यक्तिगत रूप से परीक्षा में सम्मिलित हुए। व्यक्तिगत परीक्षा में हाईस्कूल के सबसे कम छात्र गौतमबुद्धनगर 97 और इंटर में 256 इसी जिले से रहे।
बोर्ड की सख्ती से व्यक्तिगत छात्रों की संख्या घटी
राणा सहस्त्राषु सुमन का कहना है कि बोर्ड की सख्ती के चलते व्यक्तिगत छात्रों की संख्या में गिरावट आई है। पहले व्यक्तिगत फार्म भरने में किसी तरह का कोई झंझट या परेशानी नहीं होती थी, लेकिन अब व्यक्तिगत परीक्षार्थी को भी कक्षा 9 और 11 वीं में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो गया है। जिस स्कूल से कक्षा 9 और 11 का रजिस्ट्रेशन होगा, उसी स्कूल से छात्र व्यक्तिगत परीक्षा फार्म भर सकता है उसके अलावा वह किसी दूसरे स्कूल से परीक्षा फार्म नहीं भर सकता। इस कारण से व्यक्तिगत छात्रों की संख्या में जबरदस्त गिरावट आई है।
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Published on:
29 Apr 2018 11:15 am
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