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मेहमानों को कोरोना संक्रमण से बचाने केे लिए ग्रामीणों ने अपनाया ये तरीका, सोशल डिस्टेंस का रख रहे ख्याल

Highlights मेहमानों के लिए प्राइमरी स्कूल में लगाए बिस्तर ग्रामीण रख रहे सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल संदिग्ध लोगों को नहीं घुसने दे अपने गांव में  

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मेरठ। एक तरफ शहर में जहां कोरोना के मरीजों की संख्या में दिनों-दिन इजाफा होता जा रहा है। स्थिति भयावह होती जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर जनपद के ग्रामीणों ने कोरोना से संक्रमण से निपटने के लिए खुद ही कमर कस ली है। गांववासियों ने गांव की सीमाएं खुद सील कर दी हैं और युवा डंडे लेकर गांव की चौकसी कर रहे हैं और कोई बाहरी व्यक्ति को गांव में घुसने नहीं दे रहे हैं। मेरठ-हापुड़ रोड पर स्थित गांव लालपुर में यही किया जा रहा है।

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इस गांव के बाहर एक प्राइमरी स्कूल है। इस प्राइमरी स्कूल में ग्रामीणों ने चारपाई और बिस्तर डाले हुए हैं। गांव में अगर कोई बाहरी व्यक्ति या किसी का कोई रिश्तेदार आ रहा है तो उसको इसी प्राइमरी स्कूल में मेहमान बनकर रहना पड़ रहा है। हालांकि खाने-पीने का पूरा इंतजार उस घर के लोगों को करना होता है, जिसका वह मेहमान है, लेकिन उसे रहना इसी प्राइमरी स्कूल में होता है। गांव के युवक बबलू ने बताया कि हमने अपने गांव को कोरोना से मुक्त करने के लिए ही यह व्यवस्था बनाई है।

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उन्होंने बताया कि ग्रामीण और शहरी परिवेश में अंतर हैं। यहां रिश्तेदारियां नजदीक हैं लोग गांव में आते भी हैं। ऐसे में अगर उनको गांव के भीतर घुसने से मना किया जाए तो लोग बुरा मान जाते हैं। कोरोना से बचना है और रिश्तेदारी भी निभानी है तो इसलिए हमने यह व्यवस्था की है। इससे आने वाले मेहमान को भी परेशानी नहीं होती और उसकी आवभगत भी खूब हो जाती है। उन्होंने बताया कि यह प्राइमरी स्कूल गांव के बाहर है। गांव में जिस व्यक्ति के यहां मेहमान आता है वो इसी स्कूल में रुकता है। उसके खाने-पीने और चाय-नाश्ते का इंतजाम भी यहीं किया जाता है। ग्रामीण नवीन का कहना है कि मेहमानों का पूरा इंतजाम स्कूल के भीतर किया हुआ है। जिससे उनको कोई परेशानी न हो।