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VOIP Racket In Meerut: फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चलाकर देश की सुरक्षा से खेल, पुलिस की बड़ी कार्रवाई

Fake Telephone Exchange: मेरठ के लिसाड़ीगेट में अवैध मिनी टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़, पुलिस ने छापा मारकर 6 गिरफ्तार किए। गिरोह VOIP कॉल को लोकल में बदलकर करोड़ों का खेल कर रहा था और क्रिप्टो में लेन-देन करता था। सुरक्षा एजेंसियों से कॉल ट्रैकिंग भी छुपाई जा रही थी।

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मेरठ

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Mahendra Tiwari

Sep 08, 2025

Meerut Cyber Crime Case:

पुलिस अधिकारी पकड़े गए आरोपी फोटो सोर्स पुलिस ट्यूटर अकाउंट

Meerut Cyber Crime Case: मेरठ के लिसाड़ीगेट क्षेत्र में पुलिस, साइबर थाना और टेलिकॉम विभाग (डॉट) की साझा टीम ने रविवार रात बड़ी कार्रवाई की। लक्खीपुरा इलाके में चल रहे गुप्त मिनी टेलीफोन एक्सचेंज पर छापा मारकर पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में लिया। वहीं, गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में एक टीम नोएडा रवाना की गई है।

Meerut Cyber Crime Case: पुलिस की जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट कॉल (VOIP) को घरेलू कॉल में बदलकर न केवल केंद्र सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचा रहा था बल्कि सुरक्षा एजेंसियों से कॉल की लोकेशन भी छुपा रहा था। इससे देश की आंतरिक सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो सकता था।

जब्त सामान की सूची

पुलिस ने छानबीन के दौरान 32 सिम वाला वीओआईपी गेटवे, 4 वाई-फाई राउटर, 22 सक्रिय सिम कार्ड, 3 लैपटॉप, 5 एंड्रॉइड स्मार्टफोन, 2 साधारण मोबाइल, लैपटॉप चार्जर, 4 एडॉप्टर, 2 केबल और एक एचडीएमआई तार बरामद किया।

पहले भी हुआ था खुलासा

यही गिरोह मार्च 2024 में भी पुलिस की गिरफ्त में आया था। उस समय इसी क्षेत्र से जुनैद, साकिब, आरिस और आसिफ को पकड़ा गया था। तब स्वॉट और डॉट की टीम ने छापा तो मारा था लेकिन स्थानीय थाने को पहले से जानकारी नहीं दी गई थी, जिससे पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे थे।

क्रिप्टो में होती थी डीलिंग

पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे एक मिनट की कॉल पर 1000 से 1500 रुपये तक वसूलते थे। उनकी रोजाना कमाई 35 से 40 हजार रुपये तक पहुंच जाती थी। यह राशि उन्हें क्रिप्टोकरेंसी के जरिए मिलती थी जिसे नकद में बदलकर आपस में बांट लिया जाता था। गिरोह के लिए सिमकार्ड सप्लाई करने वाला शख्स फेसबुक पर सक्रिय अंशुमन गुप्ता नाम से जुड़ा था। वह ऑनलाइन भुगतान मिलने पर कोरियर से सिम भेज देता था। कासिम ने वीओआईपी गेटवे डिवाइस खरीदकर अन्य लोगों अलीशान और मन्नान को भी मुहैया कराए थे। अब पुलिस इन दोनों समेत और लोगों की तलाश कर रही है।

एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह का बयान

अधिकारियों को सूचना मिली थी कि नफीसा मस्जिद के पास स्थित एक मकान में यह सेटअप चल रहा है। छापेमारी में आस मोहम्मद, उसका भाई मोहम्मद चांद उर्फ सोनू, कासिम, उसका भाई हाशिम, सरफराज और मोहम्मद इमरान पकड़े गए। मौके से पूरा उपकरण जब्त कर लिया गया।