
वेस्ट यूपी में गन्ने के साथ होने वाली राजनीति से तंग आकर किसानों ने इस फसल की पैदावार शुरू की, इन्हें नतीजे चौंकाने वाले मिले
मेरठ। गन्ने की खेती का गढ़ कहे जाने वाले पश्चिम उप्र में अब किसान इस खेती से विमुख होने लगे हैं। किसानों का मानना है कि अगर समय रहते नहीं जागे तो राजनीति की भेट चढ़ रहा गन्ना किसानों के लिए कब्रगाह बन जाएंगे। गन्ने का मोह छोड़कर वेस्ट यूपी का किसान खासकर मेरठ जिले का अब दूसरी अन्य प्रमुख फसलों की ओर ध्यान दे रहा है। मेरठ जिले में अब गन्ने के स्थान पर किसान हरड़ की खेती पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। कारण इसकी खेती में जबरदस्त मुनाफा है। गन्ना 300 रूपये कुंतल जाता है। जबकि हरड़ 8000 रुपये कुंतल बिक रही है। यानी गन्ने की खेती से कई गुना मुनाफा हरड़ की खेती में किसान को मिल रहा है।
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हरड़ के साथ कुछ मसालों की खेती की सलाह
पश्चिम का अधिकांश किसान गन्ने की खेती पर ही निर्भर है और इस खेती से विमुख नही होना चाहते, लेकिन कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि कुछ भूमि पर मसालों की खेती भी की जाए, तो किसान उससे अधिक लाभ कमा सकता है। कुछ इसी तरह की सोच गगोल गांव के किसानों ने अपने भीतर पैदा की है। परतापुर के आसपास के गांवों में रहने वाले किसान हरड़ की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। इससे वे बंपर पैदावार भी ले रहे हैं। गगोल गांव के गुर्जर किसान ब्रहमसिंह ने बताया कि वे लोग अब हरड़ की खेती में अधिक निवेश कर रहे हैं। गगोल गांव के किसान हरड़ की खेती कर बंपर पैदावार ले रहे हैं। जिससे किसानों को अधिक लाभ के साथ ही गन्ने को छोड़ इसकी खेती करने की सीख दे रहे हैं।
गन्ने की जगह हरड़
हरड़ एक मसाले की फसल है। यह कई रूपों में प्रयोग की जाती है। आयुर्वेद दवाइयों से लेकर भोजन के स्वाद को लाजवाब करने में भी इसका प्रयोग किया जाता है। कई प्रकार के रोगों में रामबाण व अचूक दवा माना जाने वाली हरड़ का उत्पादन पहली बार परतापुर के कई गांवों के किसानों द्वारा किया जा रहा है। क्षेत्र में हरड़ की फसल की बंपर पैदावार से किसान व वैज्ञानिक भी प्रसन्न नजर आ रहे हैं। हरड़ का उपयोग मसालों के रूप में सब्जी-भाजी, आचार व अन्य भोजन सामग्रियों में होने के साथ ही औषधियों में भी बहुतायत में प्रयोग किया जाता है।
35 हजार की लागत पर डेढ़ लाख का मुनाफा
किसान ब्रहमपाल ने बताया कि हरड़ की फसल उगाने में उसका लगभग 35 हजार रूपये का व्यय हुआ। जबकि हरड़ के उत्पादन से उसने डेढ़ लाख रूपये का शुद्ध मुनाफा कमाया था। इसी से उत्साहित होकर उसने अपने कई बीघा गन्ने की फसल वाले खेत में हरड़ की फसल उगानी शुरू कर दी। उसका कहना है कि आगामी वर्ष में इस फसल का विस्तार कर तीन से चार हेक्टेअर भूमि पर हरड़ की खेती करेगा।
Published on:
21 Oct 2018 04:21 pm
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