
मेरठ। मेरठ के परतापुर क्षेत्र में चर्चित लाइव मर्डर के मामले में पुलिस अब पूरी तरह से ठंडी पड़ चुकी है। पुलिस ने हत्याकांड के दो आरोपियों को तो जेल भेज दिया है, लेकिन एक आरोपी आज भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इस वजह से डबल मर्डर की इकलौती गवाह और उसके दो बच्चे डर के साए में जीने के लिए मज़बूर है। दोहरे हत्याकांड की गवाह कोई और नहीं बल्कि परिवार की बहू कंचन है, जो अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है, लेकिन एसएसपी के पीआरओ एसएसपी से पीड़िता को मिलने नहीं देते है। यह गवाह यहां बार-बार चक्कर लगा रही है।
मां-बेटा भी गवाह थे
थाना परतापुर क्षेत्र के सोरखा गांव निवासी नरेन्द्र की अक्टूबर 2016 में जमीनी रंजिश के चलते हत्या कर दी गई थी। इस मामले में गांव के निवासी मृतक के भतीजों मालू उर्फ श्योबीर व उसके भाई मांगे सहित अन्य कुछ लोगों को नामजद कराते हुए मृतक के परिजनों ने मुकदमा दर्ज कराया था। मालू को पुलिस ने जेल भेज दिया था। जबकि मांगे सहित अन्य कई आरोपी फरार चल रहे थे। नरेन्द्र की हत्या के मामले में उसकी पत्नी निछत्तर कौर और पुत्र बलविंद्र उर्फ भोलू गवाह थे, लेकिन इसी जनवरी में उनकी कोर्ट में गवाही होनी थी। जहां आरोपियों ने गवाही देने की सूरत में दोनों के कत्ल का ऐलान किया था आैर चंद दिनों बाद ही घर के बाहर बैठी निछत्तर कौर आैर उसके बेटे बलविंद्र गांव के रास्ते में गोलियों से भून दिया। मां की हत्या सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गर्इ थी। इसी आधार पर पुलिस ने कई लोगों को जेल भेजा था। जबकि आज तक एक आरोपी फरार है।
पूरा परिवार उजड़ गया, बचे पर खतरे
इस घटना के बाद परिवार पूरी तरह से उजाड़ गया। पूरे परिवार में अब बलविन्द्र की पत्नी कंचन व दो बच्चे ही घर में बचे हैं। सास और पति की ह्त्याकांड में अब कंचन ही इकलौती गावह है। पुलिस ने इकलौती गवाह कंचन की सुरक्षा को देखते हुए दो सुरक्षा गार्ड दे दिए थे, लेकिन बुधवार को कंचन बच्चों की जान को खतरा बताते हुए एसएसपी ऑफिस में उनसे मिलने पहुंची थी, लेकिन एसएसपी नहीं मिल पायी।
बहू कंचन का यह है कहना
कंचन का कहना है कि पिछले कई महीनों से उसके बच्चे डर के साए में जीने को मज़बूर हैं और घटना के बाद से आज तक स्कूल नहीं गए हैं, जिससे उनका भविष्य खराब हो जाएगा। परिवार के सब लोगों की हत्या हो चुकी है और उसकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है ऐसे में कंचन का मकसद अपने बच्चों को तालीम देने का भी है, लेकिन कंचन का कहना है कि जेल से बैठे-बैठे आरोपियों ने डबल मर्डर करा दिया है, जबकि अभी भी एक हत्यारा फरार है तो ऐसे में स्कूल भेजने के दौरान बच्चों का अपहरण हो सकता हैं और उस पर दबाव बनाकर गवाही से रोका जा सकता है। इतना ही नहीं कंचन का कहना है कि वह पिछले काफी दिन से इस बात की शकायत करने के लिए एसएसपी की चक्कर लगा रही है, लेकिन एसएसपी का पीआरओ उनको मिलने नहीं देता।
Published on:
18 Apr 2018 06:29 pm
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