
bijli bill
मेरठ। बिजली बिल के बकाया का भुगतान करना हो या नया बिल निकलवाना हो, अभी विभागीय दफ्तर जाना पड़ता है। जिसके लिए किसी-किसी का तो पूरा दिन ही खराब हो जाता था। अब बहुत जल्द ही गांवों में ही हैंड बिलिंग मशीन थामे महिलाएं नजर आएंगी। स्वयं सहायता समूह की ये महिला सदस्य बकाया भुगतान तो वसूलेंगी ही, नया बिल भी हाथों-हाथों आपको निकालकर देंगी। प्रदेश भर में गांव-गांव बिजली बिलिंग की ये सुविधा दिसंबर में शुरू होने की संभावना है।
ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत हर जिले में स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं। समूह के सदस्य सामूहिक रूप से कोई प्रोजेक्ट शुरू करते हैं और उससे होने वाली आय को आपस में बांट लेते हैं। इस तरह के समूहों को अब और सक्रिय बनाने के लिए मिशन ने एक खाका तैयार किया है। इसके तहत ये समूह गांव-गांव बिजली की बिलिंग में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। पिछले दिनों लखनऊ में इसी विषय पर मिशन की बैठक हुई। ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) के परियोजना निदेशक बलराम सिंह ने बताया कि तय किया गया है कि एक बिल वसूलने पर समूह को बीस रुपये का कमीशन दिया जाएगा। अगले महीने से ये सुविधा लागू होने की संभावना है।
एक समूह को एक डिवाइस (हैंड हैंडिल मशीन) भी दी जाएगी। इस डिवाइस से बिजली का बिल तो जमा होगा ही, नया बिल भी जनरेट हो सकेगा। समूह का एक बैंक खाता खुलवाया जाएगा। समूह को एक अनुमान के हिसाब से खाते में धनराशि जमा करनी होगी। समूह जितना भी वसूली करेगा, इस बैंक खाते से समूह उस धनराशि को पावर कारपोरेश के खाते में ट्रांसफर कर देगा। अगले दिन समूह की सदस्य लिए गए भुगतान को अपने खाते में जमा करा देंगे। पीवीवीएनएल के एके सिंह ने बताया कि कई स्वयं सहायता समूहों ने इसके लिए आवेदन किया है। सबकी जांच का काम जारी है। माना जा रहा है कि दिसंबर तक यह कार्य ग्रामीण क्षेत्र में शुरू होने का अनुमान है।
Published on:
26 Nov 2019 12:13 pm
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