
Chaitra Navratri 2022 : कर्ज से मुक्ति पाने के लिए आज शैलपुत्री को इस फल के साथ लगाए पान का भोग
Chaitra Navratri 2022 आज नवरात्र के प्रथम दिन मां दुर्गा का प्रथम स्वरूप शैलपुत्री देवी का है। माना जाता है कि शैलपुत्री की पूजा मात्र से कर्ज, बीमारियों व शनि प्रकोप से बचाव तथा धन, धान्य की वृद्धि होती है। शैलपुत्री प्रकृति की देवी हैं। इस दिन कृषि व बागवानी का कार्य करने वाले के लिए तुलसी का पौधा लगाया जाना अत्यन्त शुभकारी होगा। पंडित भारत भूषण ने बताया कि शैलपुत्री देवी का सामान्य मंत्र ''ऊँ शैलपुत्र्यै नमः'' है तथा शैलपुत्री देवी के भोग का विशेष समय दोपहर 11 बजे से 3 बजे तक का है। शैलपुत्री देवी को अनार के साथ पिपरमेंट युक्त मीठे पान का भोग श्रद्धापूर्वक लगाने से कर्ज और रोगों से मुक्ति के योग बनते है।
पंडित भारत ज्ञान भूषण ने बताया कि इसी के साथ शाम के समय शैलपुत्री की आरती और इनके बीज मंत्र 'ऊँ शैलपुत्र्यै नमः' का जाप सर्वोत्तम रहता है। उन्होंने बताया नवरात्र में दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा प्रत्येक नौ दिन की जाती है। इन सभी स्वरूपों का अपना अलग—अलग महत्व होता है। इसी कारण से पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन ही हिंदू नवसंवत्सर 2079 की शुरूआत भी हो रही है। यह हिंदूओं का नया वर्ष के पहला दिन कहा जाता है। यानी इस दिन से हिंदू नववर्ष की शुरूआत होती है। नवरात्र में शैलपुत्री की पूजा का बहुत महत्व बताया गया है। जो लोग पूरे नौ दिन देवी के व्रत नहीं कर सकते वो इस दिन व्रत कर पूरे नौ दिन का पुण्य ले सकते हैं।
Published on:
02 Apr 2022 08:22 am
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