
पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली पर अड़े राज्यकर्मियों पर सख्त हुई योगी सरकार, लिया ये कठोर फैसला
मेरठ। पुरानी पेंशन बहाली पर अड़े राज्यकर्मियों की प्रस्तावित हड़ताल पर सरकार ने सख्त रूख अपना लिया है। इसके लिए अगर कोई कर्मचारी या सरकारी कर्मचारी संगठन हड़ताल पर जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, 'काम नहीं तो वेतन नहीं' वाला सिद्धांत अपनाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं।
कर्मचारी संगठनों से संवाद स्थापित करने के निर्देश
प्रदेश के मुख्य सचिव डा. अनूप चन्द्र पाण्डेय ने सोमवार को प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे कर्मचारी संगठनों से संवाद स्थापित कर नई पेंशन प्रणाली के सम्बन्ध में आयोजित भ्रान्तियां दूर करें। उन्होंने कहा कि संगठनों के पदाधिकारियों को इस बात की जानकारी दी जाये कि नई पेंशन स्कीम के अन्तर्गत उनके हित पूर्णतः सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि संवाद से ही नई पेंशन स्कीम के सम्बन्ध में कर्मचारियों को स्थिति स्पष्ट करने में सहायता मिलेगी।
मुख्य सचिव ने दिए ये निर्देश
मुख्य सचिव सोमवार को योजना भवन में आयोजित वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आगामी 25 नवम्बर से कर्मचारी संगठनों द्वारा प्रस्तावित कार्य बहिष्कार के सम्बन्ध में समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने निर्देश दिये कि नई पेंशन योजना के अन्तर्गत जो कर्मचारी छूट गए हैं उनका पीआरएएन यानी (परमानेन्ट रिटायरमेन्ट अकाउन्ट नम्बर) तत्काल पंजीकृत कराया जाए। इस प्रयोजन हेतु कैम्प लगाकर आवश्यक कार्रवार्इ की जाए। इसके अतिरिक्त कर्मचारियों को पंजीकरण हेतु आॅनलाइन पंजीकरण सुविधा की जानकारी भी प्रदान की जाए।
कर्मचारियों को प्रदान करें पूर्ण सुरक्षा
पाण्डेय ने निर्देश दिये कि प्रस्तावित कार्य बहिष्कार के दौरान कार्य पर आने वाले कर्मचारियों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए, यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यालय समय से खुले। उन्होंने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि आम जन को इस दौरान नगरीय सुविधाओ के साथ-साथ परिवहन सुविधाएं भी अनवरत रूप से मिलती रहें।
नुकसान पहुंचाने पर होगी कठोर कार्रवाई
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि प्रस्तावित कार्य बहिष्कार के दौरान सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए तथा कार्मिकों को यह स्पष्ट कर दिया जाए कि कार्य से अनुपस्थित कार्मिकों के बारे में 'कार्य नहीं तो वेतन नहीं' के अनुसार कार्रवार्इ होगी।
जिलों में बनाए जाएं कंट्रोल रूम
उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि प्रत्येक जिले में कन्ट्रोल रूम बनाकर स्थिति पर नजर रखी जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि कर्मचारियों द्वारा प्रस्तावित कार्य बहिष्कार के दौरान किसी भी कार्मिक को न तो अवकाश स्वीकृत किया जाए न ही उसे मुख्यालय छोड़ने की अनुमति प्रदान की जाए। इस दौरान मेरठ कमिश्नरी सभागार में नियुक्ति, वित्त, सूचना एवं लोक निर्माण, उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा तथा परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
Published on:
22 Oct 2018 06:32 pm
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