
Zika Virus: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में जीका वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। स्वास्थ्य महानिदेशक की ओर से सभी जिलों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वह रैपिड रिस्पांस टीम का गठन करें और मरीजों को चिन्हित करें। यह टीमें बुखार पीड़ित मरीजों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं और जीका वायरस प्रभावित राज्य केरल और राजस्थान से आने वाले लोगों को चिन्हित करेंगी।
इन लोगों पर भी रहेगी नजर
वहीं विदेश यात्रा खासकर अफ्रीकी देशों से आने वालों पर नजर रखी जाएगी। संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे। एडी हेल्थ डॉ. राजकुमार ने बताया कि आदेश आने के बाद मंडल के सभी जिलों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने यहां पर रैपिड रिस्पांस टीम का तुरंत गठन करें।
भर्ती बुखार पीड़ित रोगियों के सैंपल जांच केा भेजे जाएंगे
उन्होंने बताया कि सरकारी और निजी अस्पतालों में जहां बुखार से पीड़ित रोगी भर्ती हैं, वहां इसके लक्षण वाले मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे। अगर किसी मरीज में जीका वायरस की पुष्टि होती है तो उसे 14 दिनों तक अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। सभी जिलों की निगरानी के लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है।
मच्छरों के काटने पर फैलता है जीका वायरस
एडी हेल्थ ने बताया कि जीका वायरस संक्रमित एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने के कारण होता है। जीका वायरस से पीड़ित मरीज को तेज बुखार, शरीर पर लाल रंग के दाने, आंखों में जलन और मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द होता है। तीन से 14 दिनों के अंदर इसके लक्षण दिखने लगते हैं। फिलहाल मच्छरों से बचाव के पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं।
गर्भस्थ शिशुओं को अधिक खतरा
जीका वायरस के संक्रमण से सबसे बड़ा खतरा गर्भस्थ शिशुओं को होता है। अगर मां को संक्रमण हो गया तो यह वायरस शिशु के शरीर में पहुंच जाता है और उसके न्यूरो सिस्टम को प्रभावित कर देता है। बच्चे का सिर छोटा हो जाता है। कोशिकाएं नहीं बन पाती और उसके स्पाइनल कार्ड में सूजन आ जाती है।
Published on:
26 Oct 2021 09:52 am
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