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मोदी के मंत्री द्वारा गोद लिए गांव में टूट रही विकास की आस

अनुप्रिया पटेल ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत मिर्जापुर के बगहीं गांव को लिया था गोद, गांव में नहीं बही विकास की बयार

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model village

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सुरेश सिंह की रिपोर्ट...

मिर्ज़ापुर. क्षेत्रीय सांसद एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनुप्रिया पटेल द्वारा गोद लिया गांव आज भी विकास की बांट जोह रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री सांसद आदर्श ग्राम के तहत नवंबर 2016 में केंद्रीय मंत्री द्वारा गोद लिए जाने के बाद पांच हजार की आबादी वाले गांव के निवासियों को उम्मीद थी कि गांव की तस्वीर बदल जाएगी। एक के बाद एक कई योजनाओं के शिलान्यास भी हुए, लेकिन सभी अधूरी ही रह गईं। हकीकत यह है कि सांसद द्वारा गोद लिया हुआ गांव होने के बावजूद बगहीं को आज भी विकास का इंतजार है।

ग्रामीण रमेश ने कहा कि गांव को गोद लिए जाने के बाद अधिकारियों का ध्यान गांव की तरफ आकृष्ट हुआ। बिजली के पोल भी गड़ने शुरू हुए। उनका कहना है कि बिजली के पोल गड़ने का कार्य चंद दिनों के बाद ही रोक दिया गया। यह कार्य भी अधूरा छोड़ जब संबंधित लोग गए, फिर वापस नहीं लौटे। रमेश ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि अब तो उम्मीद ही खत्म हो गई है कि यह कार्य पूरे होंगे। ग्रामीण बताते हैं कि गांव की पथरीली गलियों में चलना दुश्वार है। आए दिन लोग ठोकर लगने से गिरकर चोटिल हो रहे हैं। इन्हें सीसी अथवा पक्की सड़क बनवाने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं देता।


नहीं है पंचायत भवन, ग्राम प्रधान ने किया सांसद का बचाव

विकास कार्यों की क्या बात करें, जब विकास योजनाओं का ग्रामीण केंद्र भी गांव में ना हो। बगहीं गांव में पंचायत भवन भी नहीं है। ग्रामीण बताते हैं कि पहले पंचायत भवन हुआ करता था। देख-भाल के अभाव में जर्जर होकर वह ध्वस्त हो गया। तब से पंचायत भवन के बगैर ही काम चलाया जा रहा है। इस संबंध में पूछे जाने पर ग्राम प्रधान राजेश सिंह ने सांसद का बचाव करते हुए कहा कि अनुप्रिया पटेल ने आश्वासन दिया है कि पंचायत भवन का का निर्माण, प्राथमिक विद्यालय के जर्जर भवन का जीर्णोद्धार, सोलर पंप के साथ ही वाचनालय का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने भी विकास कार्यों की रफ्तार पर निराशा जताते हुए कहा कि सांसद का गांव से लगाव बना रहता है। उनके लोग भी हमेशा संपर्क में रहकर गांव से जुड़ी जानकारियों से अपडेट रहते हैं। राजेश सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री भी समय-समय पर गांव पहुंचती रहती हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अधूरे कार्य लोकसभा चुनाव से पूर्व पूर्ण करा लिए जाएंगे और बगहीं सही मायने में मिर्जापुर जनपद का आदर्श गांव होगा।


गड्ढे में संचालित स्कूल के सहारे नौनिहालों का भविष्य

कहने को बगहीं केंद्रीय मंत्री द्वारा गोद लिया गया आदर्श ग्राम है, लेकिन तकनीक एवं शिक्षा प्रधान 21 वीं सदी में यहां के नौनिहाल गड्ढे में संचालित हो रहे प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा लेने को विवश हैं। प्राथमिक विद्यालय नंबर दो गड्ढे में है। जहां बरसात के मौसम में हल्की बारिश भी कक्षाएं ठप करने को विवश कर देती है। विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों के साथ ही अभिभावकों ने भी कई दफे इस तरफ प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया, लेकिन किसी ने भी इस दिशा में कोई पहल करना जरूरी नहीं समझा।


शिलान्यास के बाद अधूरे रह गए कार्य

जिले के नारायणपुर ब्लॉक स्थित बगही गांव को केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया ने जब गोद लिया था, ग्रामीण फूले नहीं समा रहे थे। अब जबकि एक साल से अधिक समय गुजर चुका है, अधूरे कार्य से ग्रमीणों में मायूसी है। ग्रामीणों को आस थी कि उनके गांव में विकास की बयार बहेगी और पिछड़े गांव में गिना जानेवाला यह गंगा का तटवर्ती गांव जल्द ही जनपद के विकसित गांवों की कतार में आगे खड़ा हो जाएगा। गांव वालों ने जो सपने देखे थे, वह उम्मीद टूटती हुई दिखाई दे रही है।


सीसी रोड भी रह गया अधूरा

सांसद की तरफ से गांव को गोद लिए जाने के बाद विकास योजना के नाम पर सिर्फ एक सीसी रोड और कुछ सोलर लाइटें ही मिलीं। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया ने स्वयं चार सौ मीटर के सीसी रोड का शिलान्यास किया था। जिसका निर्माण गंगा घाट से श्मशान तक होना था, वह भी पूरा नहीं हुआ। चार सौ मीटर लंबी सड़क का निर्माण महीनों बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं किया जा सका। हालत यह है कि सड़क निर्माण का कार्य ठप पड़ा है। सीसी रोड का निर्माण फिर से कब शुरू होगा और कब तक इसे पूर्ण कर लिया जाएगा, यह बताने वाला भी कोई नहीं है।


ग्राम प्रधान ने भेजे थे 10 प्रस्ताव, स्वीकृत हुए महज दो

ग्राम प्रधान ने गांव के विकास के लिए सांसद को कुल 10 प्रस्ताव भेजे थे। जिनमें से सिर्फ दो प्रस्ताव सोलर लाइट लगवाने और सीसी रोड के प्रस्ताव ही पारित हो सके। जबकि आठ ठंडे बस्ते में चले गए।