
नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यावरण संरक्षण के सपने को साकार करने के लिए हरियाणा के उद्योग एवं पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल ने एक नई पहल की है। हरियाणा के फरीदाबाद समेत पूरे राज्य को हरा-भरा और स्वस्थ बनाए रखने के लिए पर्यावरण मंत्री ने अरावली के पहाड़ों में ड्रोन उड़ाकर ( seeds sprayed by drone ) एक करोड़ बीज छिड़काव करने का शुभारंभ किया।
इस दौरान विपुल गोयल ( vipul goyal ) भारत विकास परिषद का आभार जताते हुए कहा कि सभी को धर्म और जाति से ऊपर उठकर पर्यावरण संरक्षण के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
गोयल ने कहा कि मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च, हर जगह यहां तक कि स्कूल कॉलेज और सरकारी दफ्तरों में भी पौधारोपण किया जाए।
लाखों पेड़ लगाने का रिकॉर्ड
विशाल पौधरोपण अभियान के तहत रविवार को फरीदाबाद के मेट्रो अस्पताल, सेक्टर 16 और सेक्टर 11 में पौधारोपण किया गया।
स्थानीय लोगों ने भी पौधारोपण अभियान के तहत बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौरान विपुल गोयल ने कहा कि आप सभी इन पौधों की सेवा करें क्योंकि यही पौधे एक दिन पेड़ बन कर पीढ़ियों की सेवा करेंगे।
उन्होंने कहा कि वह फरीदाबाद में ढाई लाख से ज्यादा पेड़ लगाकर एक रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं।
लगाए गए एक लाख से ज्यादा पेड़
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उन्होंने एक लाख से ज्यादा लोगों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा है। ताकी फरीदाबाद का पर्यावरण शुद्ध और लोगों के लिए स्वास्थ्यवर्धक हो।
उद्योग एवं पर्यावरण मंत्री ने बताया कि फरीदाबाद ( Faridabad ) में ग्रीनबेल्ट एरिया निर्धारित कर वहां पेड़ लगाए गए हैं और उनकी निगरानी की जा रही है।
भारत में बढ़े जंगल
उन्होंने कहा कि 2014 में पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद भारत में 1 से 1.5 प्रतिशत जंगल बढ़े हैं। जबकि बीते 10 साल के मुकाबले 2018 में दुनिया में जंगल घटे हैं।
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनियां के ज्यादा जंगल वाले 10 देशों में 8वें नंबर पर है।
भारत में बढ़ी बाघ की आबादी
गोयल ने कहा, वन और वन्य जीव का करीबी नाता है। कुदरत के भोजन चक्र में बाघ सबसे ऊपर है।
अगर लाइफ साइकल से एक भी जीव खत्म होता है तो पूरा भोजन चक्र बिगड़ सकता है, इसीलिए भारत में टाइगर प्रोजेक्ट पर गंभीरता से काम हो रहा है। इसका नतीजा है कि बाघ की आबादी भारत में बढ़ी है।
एक पेड़ 7 लोगों की जिंदगी बचाता है
उन्होंने आगे कहा कि अगर इंसानों के लिए पेड़ों के महत्व को देखें तो आंकड़े हैरान कर देंगे। एक पेड़ हर दिन 230 लीटर ऑक्सीजन छोड़ता है, जो सात लोगों की ज़िंदगी बचाती है।
50 मीटर की दूरी पर एक पेड़ जरूर होना चाहिए। इससे वहां के रहने वालों को पर्याप्त मात्रा में शुद्ध हवा मिलेगी। आज जंगल घटने से पेड़ पर 4000 लोगों से अधिक की जिम्मेदारी पड़ रही है, जो खतरनाक स्टेज पर पहुंच रही है।
।एक पेड़ पहुंचाता है 42 लाख का भायदा
हरियाणा सरकार में मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि शोधकर्ताओं का मानना है एक पेड़ अपनी औसतन 50 वर्ष की लाइफ में 42 लाख रुपए का फायदा कराता है जो ऑक्सीजन के रूप में है।
बाकी लकड़ी और पत्तों से बनने वली खाद अलग है। वृक्ष अपने पत्ते और छाल पर हवा में मौजूद ज़हरीली गैसों (नाइट्रोजन आक्साइड, अमोनिया, सल्फर डाइऑक्साइड) को अवशोषित कर लेते हैं।
पेड़ सोखते हैं गाड़ियों के धुंए
गाड़ियों से निकलने वाले धुएं को पेड़ एब्जॉर्ब कर लेते हैं। 10 हजार गाड़ियों के धुएं को 100 बड़े पेड़ आसानी से सोख सकते हैं।
लंबे समय तक शोर वाले इलाकों में रहने वाले लोगों में हाई बीपी, कोलेस्ट्रॉल के स्तर बढ़ जाता है, चिड़चिड़ापन की शिकायत के अलावा व्यवहार में आक्रामकता आ जाती है। जबकि पेड़ शोर को एब्जॉर्ब करके वतावरण को नॉइस पॉल्यूशन फ्री बनाते हैं।
Updated on:
28 Jul 2019 03:26 pm
Published on:
28 Jul 2019 03:08 pm
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