
Writ Against Kejriwal Govt Decision
नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) भले ही दिल्ली के लोगों को राहत देने के लिए तमाम कोशिशें किए जाने का दावा कर रही हो, लेकिन उनके इस फैसले से दो साल का एक बच्चा (2 Years Toddler) बिल्कुल सहमत नहीं है। तभी उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उसने अपने पिता के जरिए याचिका दायर (File Writ Petition) की है। बच्चे ने दिल्ली सरकार की ओर से पाबंदियों पर ढील दिए जाने और बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों (Corona Infected) का इलाज न किए जाने से बच्चों के स्वास्थ को होने वाले खतरे को लेकर सवाल उठाया है।
दो साल के बच्चे ने याचिका में कहा कि दिल्ली में बिना लक्षण वाले लोगों की टेस्टिंग पर रोक से हालात बिगड़ गये हैं. इसके अलावा बेड और वेंटिलेटर्स जैसी सुविधाओं की कमी ने भी स्थिति चिंताजनक बना दी है। याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है जिसकी सुनवाई आज हो सकती है। याचिकाकर्ता एवं उसके वकील के अनुसार बिना लक्षण वाले लोगों की टेस्टिंग पर रोक लगाना ICMR की गाइडलाइंस के खिलाफ है। उनका आरोप है कि सरकार दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या कम दिखाना चाहती है जिस वजह से प्राइवेट टेस्टिंग बंद की है।
बच्चें ने याचिका (Writ Petition) में कहा है कि वह एक संयुक्त परिवार (Joint Family) में रहता है। अनलॉक 1.0 के तहत दफ्तरों, दुकानों समेत दूसरी चीजों को खोल दिया गया है। इससे उसके परिवार के सदस्य भी काम पर जाएंगे। इससे उसे और आस-पास के बच्चों के स्वास्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए सरकार को अपने फैसले पर दोबारा गौर करना चाहिए।
Published on:
09 Jun 2020 11:14 am
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