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सबसे ऊंची स्‍टेच्‍यू ऑफ यूनिटी को बनाने में खर्च हुआ तीन हजार करोड़, जानिए 10 खास बातें

सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुनी ऊंची है। नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पास साधु बेट टापू पर बनाई गई है।

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Dhirendra Kumar Mishra

Oct 31, 2018

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सबसे ऊंची स्‍टेच्‍यू ऑफ यूनिटी को बनाने में खर्च हुआ तीन हजार करोड़, जानिए 10 खास बातें

नई दिल्ली। आज लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 143वीं जयंती है। पीएम नरेंद्र मोदी 183 मीटर ऊंची इस प्रतिमा का अनावरण करेंगे। यह गगनचुंबी प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। आईए, जानते हैं इस प्रतिमा से जुड़ी 10 खास बातें:

स्‍टेच्‍यू ऑफ यूनिटी: पीएम मोदी आज करेंगे सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण

1. लौह पुरुष की मूर्ति की लंबाई 182 मीटर है। इसे सात किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की ऊंचाई अमरीका के स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुना है।

2. मोदी सरकार ने अक्टूबर 2014 में मूर्ति के निर्माण के लिए लार्सन एंड टूब्रो कंपनी को ठेका दिया था। इसके निर्माण में करीब 3,000 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

3. इस मूर्ति में दो लिफ्ट भी लगी हैं, जिनके माध्यम से आप सरदार पटेल की छाती तक पहुंचेंगे और सरदार सरोवर बांध का नजारा देख सकेंगे। सरदार की मूर्ति तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए पुल और बोट की व्यवस्था की गई है। यह स्टेच्यू पूरी तरह से भूकंपरोधी है।

4. परियोजना से जुड़े से इंजीनियर्स ने इस मूर्ति का निर्माण मॉक-अप, 3डी, स्कैनिंग तकनीक और कंप्यूटर न्यूमैरिकल कंट्रोल प्रोडक्शन तकनीक के आधार पर किया है। यह तकनीक चार चरणों वाली एक प्रक्रिया है। पटेल की मूर्ति के नीचे के हिस्से को ऊपर के हिस्से की तुलना में थोड़ा पतला रखा गया है।

5. इसे बनाने में 5,700 मीट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18,500 मीट्रिक टन रि-इनफोर्समेंट बार्स से बनी है। यह मूर्ति 22,500 मीट्रिक टन सीमेंट से बनी है। इस विशाल प्रतिमा की ऊंचाई 182 मीटर है। इस मूर्ति को बनाने में करीब 44 महीनों का वक्त लगा है। इस मूर्ति में लेजर लाइटिंग लगाई गई है जो इसकी रौनक को हमेशा बनाए रखेगी। इस मूर्ति तक नांव के जरिए पहुंचा जा सकता है। इसका दीदार करने के लिए 300 रुपए फीस का भुगतान भी करना होगा।

6. स्टेच्यू ऑफ यूनिटी 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा में भी स्थिर खड़ा रहेगा। यह 6.5 तीव्रता के भूकंप को भी सह सकता है। इस मूर्ति के निर्माण में भारतीय मजदूरों के साथ 200 चीन के कर्मचारियों ने भी हाथ बंटाया है।

7. इस मूर्ति के तीन किलोमीटर की दूरी पर एक टेंट सिटी भी बनाई गई है जो 52 कमरों का श्रेष्ठ भारत भवन थ्री स्टार होटल है। यहां पर पर्यटक रुक सकते हैं। स्टेच्यू के नीचे एक संग्रहालय भी तैयार किया गया है। इस संग्रहालय में सरदार पटेल की स्मृति से जुड़ी कई चीजें रखी जाएंगी।

8. सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति में चार धातुओं का उपयोग किया गया है जिसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी. स्टेच्यू में 85 फीसदी तांबा का इस्तेमाल किया गया है।

9. लौह पुरुष की मूर्ति के निर्माण में लाखों टन लोहा और तांबा लगा है। कुछ लोहा लोगों से मांगकर लगाया है। इस मूर्ति को बनाने के लिए लोहा पूरे भारत के गांव में रहने वाले किसानों से खेती के काम में आने वाले पुराने और बेकार हो चुके औजारों का संग्रह करके जुटाया गया।

10. पटेल की प्रतिमा का निर्माण करने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट की नींव 2013 में पीएम मोदी ने रखी थी।