भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बेल) द्वारा बनाई गई, इन मिसाइलों की कुल लागत करीब 3900 करोड़ रुपए है, जिनमें से एयरफोर्स ने 3800 करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया है। पूर्वी सीमा पर वास्तविक नियंत्रण (एलएसी) रेखा के करीब भारतीय वायु सेना को छह आकाश मिसाइल स्क्वाड्रन तैनात करना था। चीन ने तिब्बत में आठ पूरी तरह चालू एयरबेस बना रखे हैं। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'बड़ा मसला यह है कि सैम्पल टेस्ट में 30 फीसदी तक फेल होना इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है, जबकि इसको आधार बनाते हुए ही 95 फीसदी भुगतान किया जा चुका है।