
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से श्रमिकों की हो रही घर वापसी
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) की वजह से लागू लॉकडाउन ( Lockdown ) में लाखों की संख्या में लोग अलग-अलग राज्यों में फंस गए हैं। इनमें बड़ी संख्या मजदूर वर्ग ( Labour Class ) की है जो काम की तलाश में अन्य राज्यों में आते हैं। लेकिन लॉकडाउन ( Lockdown ) के कारण उनकी परेशानियां बढ़ने के बीच सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए स्पेशल ट्रेनों ( Special Train ) के जरिये इन्हें घर वापसी का काम शुरू किया। लॉकडाउन की तीसरे चरण में इसकी शुरुआत श्रमिक स्पेशल ट्रेन ( Shramik Special Train ) से हो रही है।
इसी कड़ी में अब महाराष्ट्र ( Maharashtra ) और गुजरात ( Gujrat ) में फंसे करीब 3000 प्रवासी मजदूर ( Migrant Labour ) उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) पहुंचे। महाराष्ट्र से जहां 2100 तो वहीं गुजरात के अहमदाबाद से करीब 800 मजदूर श्रमिक ट्रेनों से यूपी पहुंचे।
अधिकारियों के अनुसार, 2,127 मजदूरों के साथ दो ट्रेनें सोमवार को तड़के महाराष्ट्र के भिवंडी और वसई रोड रेलवे स्टेशनों से गोरखपुर पहुंचीं।
लखनऊ में, सुबह 8.30 बजे नागपुर से 1,021 से अधिक फंसे हुए मजदूर पहुंचे। इसके बाद उनमें कोरोना वायरस की जांच की गई। जांच के बाद सभी को उनके घरों में भेजा गया।
लखनऊ डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके बोस ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने राज्य की राजधानी में आने वाले प्रवासी श्रमिकों को ले जाने के लिए 44 बसों को तैनात किया है।
उन्होंने बताया कि इन सभी बसों को सैनिटाइज कर दिया गया था। सुबह 11 बजे मजदूर बसों में सवार हो गए। यात्रा से पहले उन्हें भोजन, पानी और मास्क प्रदान किए गए थे। इसके बाद बसें गोरखपुर, बस्ती, मुरादाबाद, प्रयागराज और सोनभद्र के लिए रवाना हुईं।
गोरखपुर के एसडीएम (सदर) गौरव सिंह सोगरवाल के मुताबिक, "भिवंडी से पहली ट्रेन सोमवार को 1.20 बजे 1,145 यात्रियों को लेकर आई। वहीं वसई रोड रेलवे स्टेशन से दूसरी ट्रेन सुबह करीब 5.30 बजे 982 यात्रियों को लेकर आई।
उन्होंने कहा कि ट्रेनों और बसों में सामाजिक दूरी के मानदंड का सख्ती से पालन किया जा रहा है।
महाराष्ट्र के भिवंडी में करघा का काम करने वाले एक मजदूर राम शबद ने राज्य में वापसी पर खुशी जताई। उसने कहा कि "मुझे खुशी है कि आखिरकार मैं अपने गृहनगर पहुंचा।
रास्ते में हमें खाना और पानी मिला। ट्रेन में चढ़ने से पहले, मेरे दस्तावेजों की जांच की गई। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर मेरी थर्मल स्क्रीनिंग की गई।"
वहीं कुछ मजदूरों ने बताया कि उन्होंने स्लीपर क्लास में जनरल क्लास का किराया दिया है।
अधिकारियों के मुताबिक, एक ट्रेन की बोगी में केवल 54 लोगों को जाने की अनुमति थी। ट्रेनों में यात्रा टिकट परीक्षक और आरपीएफ कर्मचारी भी तैनात किए गए थे।
Published on:
05 May 2020 01:20 pm
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