
दिल्ली को प्रदूषण से बचाएगी 32 लाख पेड़ों की कुदरती 'दीवार'
नई दिल्ली। भौगोलिक स्थिति के चलते देश की राजधानी दिल्ली पर हर पड़ोसी राज्य को मौसमी हलचल असर करती है। पिछले कुछ महीनों में दिल्ली में धूल भरी आंधी और तूफान ने भी जमकर कहर बरपाया है। ऐसे में वन विभाग ने दिल्ली की सीमाओं पर एक ऐसी दीवार लगाने का फैसला किया है जो दिल्लीवासियों की सुरक्षा कर सके।
32 लाख पेड़ों की बनेगी 'दीवार'
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पड़ोसी राज्यों से आने वाली धूल और प्रदूषण से दिल्ली को बचाने के लिए 32 लाख पौधे लगाए जाएंगे। यह पौधारोपण अभियान मॉनसून के दौरान चलाया जाएगा। कुछ सालों में पेड़ के रूप में तब्दील होने पर ये धूल और आंधी का दुष्प्रभाव कम करने में मदद करेंगे।
...ये है महा-अभियान का मकसद
- इसका मुख्य मकसद पार्टिकुलेट मैटर्स पीएम और धूल के कणों को रोकना है। जो दिल्ली के प्रदूषण के बड़े कारणों में शुमार है।
- पड़ोसी राज्यों में आंधी-तूफान के बाद उठने वाली धूल हवा के साथ दिल्ली में प्रवेश ना कर पाए।
- पेड़-पौधों के जरिए प्रदूषित हवा शुद्ध होगी।
प्रदूषण से बचने के लिए लगेंगे ये पेड़
इस योजना में ऐसे पौधों को चुना गया है जो धूल के सूक्ष्म कणों को रोक सके। इनमें पिलखन, गूलर, आम, महुआ, पीपल, नीम, आंवला, बहेड़ा आदि शामिल हैं।
...ये विभाग मिलकर करेंगे काम
दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन, उत्तर रेलवे, केंद्र और दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग और दिल्ली के नगर निगम इस प्रोजेक्ट में शामिल रहेंगे।
...इन इलाकों पर रहेगा फोकस
वन विभाग के अधिकारी के मुताबिक जिन इलाकों पर फोकस रहेगा उनमें असोला, तुगलकाबाद, आयानगर, नरेला और यमुना के आसपास के इलाके शामिल हैं। इन इलाकों में पौधों के साथ-साथ झाड़ियां भी उगाई जाएंगी। इसके अलावा रिज इलाके को और घना करने की भी योजना है। पर्यावरण मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यह कुदरती दीवार हरियाणा, राजस्थान, यमुना के जंगलों और अरावली की सीमा तक बनेगी।
Published on:
09 Jul 2018 05:03 pm
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