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कोरोना के खिलाफ मुहिम तेज, देश के 325 जिले कोरोना मुक्त

पिछले 14 दिनों के दौरान 27 जिलों में नहीं आया नया मामला। मरने वालों का आंकड़ा 420 पर जबकि 10824 एक्टिव केस। लॉकडाउन 2.0 के सख्ती से पालन के लिए गृह मंत्रालय सख्त।

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COVID-19 in India

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नई दिल्ली। देश में बीते 25 मार्च से लागू लॉकडाउन ने अब संभवता बेहतर परिणाम देने शुरू कर दिए हैं। शायद यही वजह है कि भारत में कुल 736 में से 325 जिलों में कोई भी कोरोना वायरस संक्रमित मामला सामने नहीं आया है। इसके अलावा कुल 17 राज्यों के 27 जिलों में पिछले 14 दिनों में कोई भी कोरोना केस दर्ज नहीं किया गया है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को दी।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 24 घंटों में देश में कुल 941 कोरोना मामले सामने आए हैं और इस अवधि के दौरान संक्रमण से कुल 37 लोगों की मौत हुई है। अग्रवाल ने कहा कि 12.02 फीसदी लोग कोरोनावायरस संक्रमण से निजात पा चुके हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन और रोकथाम के उपाय फायदेमंद साबित हो रहे हैं।

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वहीं, गुरुवार शाम पांच बजे तक स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक देश में कोरोना के कुल 12,798 मामले सामने आए हैं, जिनमें से फिलहाल सक्रिय मामलों की संख्या 10,824 है। इसके अलावा संक्रमण से अब तक 420 लोग अपनी जान गवां चुके हैं, जबकि 1,514 लोग ठीक हो चुके हैं।

बता दें देश मे? कोरोना वायरस ? के फैलते संक्रमण पर काबू पाने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन 2.0 का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय सख्त रवैया अपनाए हुए है। इस संबंध में गृह सचिव अजय भल्ला ने बुधवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर निर्देश दिए कि वे लॉकडाउन की नई विस्तृत गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करना सुनिश्चित करें।

राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में भल्ला ने लिखा कि सरकारें लॉकडाउन के इन दिशा-निर्देशों में लागू किए गए प्रतिबंधों में ढील नहीं दे सकतीं बल्कि कड़े मानदंड लागू कर सकती हैं।

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भल्ला ने पत्र में लिखा, "मैं अपने पहले पत्र के जरिये इस बात पर जोर दे चुका हूं कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी उक्त दिशा-निर्देशों के तहत लागू पाबंदियों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कमजोर नहीं किया जा सकता। हालांकि राज्य-केंद्र शासित प्रदेश स्थानीय इलाकों की जरूरत के हिसाब से इन दिशा-निर्देशों की तुलना में और ज्यादा कड़े प्रतिबंध लागू कर सकते हैं।"