आगामी 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm modi ) अयोध्या ( Ram mandir in ayodhya ) में राम मंदिर का भूमि पूजन ( Ram Temple Bhumi Pujan ) करेंगे।
बीते वर्ष 5 अगस्त को ही कश्मीर ( Anniversary of India scrapping Article 370 ) को अनुच्छेद 370 ( j&k article 370 ) से मिली थी आजादी ।
5 अगस्त 2018 को यूपी के मुगल सराय जंक्शन का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन किया गया।
Importance of 5 August Ram Temple Bhumi Pujan and revoking Article 370 from JK
नई दिल्ली। आगामी 5 अगस्त की तारीख भारत के लिए क्या बेहद लकी रही है क्योंकि इस दिन एक बार फिर से इतिहास रचा जाएगा। ठीक इसी तारीख को अयोध्या में ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन ( Ram Temple Bhumi Pujan ) किया जाएगा। इस भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm modi ) सहित कई मंत्री शामिल होंगे। ठीक एक साल पहले इसी दिन मोदी सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर को लेकर बड़ी घोषणा की थी। घाटी को 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 से आजादी ( Anniversary of India scrapping Article 370 ) मिली थी।
ताजा जानकारी के मुताबिक अयोध्या ( Ram mandir in ayodhya ) में 5 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट 15 सेकेंड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चांदी की ईंट स्थापित कर भूमि पूजन करेंगे। तीन दिनों तक चलने वाला यह आयोजन पांच अगस्त को संपन्न होगा।
जबकि पिछले वर्ष के सबसे अहम बात थी जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटाया जाना। इस फैसले के साथ ही एक राज्य में दो झंडे और दो विधान बीते जमाने की बात हो गई थी। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख को बांट कर इन्हें केंद्र शासित प्रदेश बनाने की घोषणा की गई थी।
जब पांच अगस्त को संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Central Home Minister Amit Shah ) ने अनुच्छेद 370(1) में निहित शक्तियों का उपयोग करते हुए इस अनुच्छेद के अन्य सभी खंडों को निरस्त ( j&k article 370 ) करने का संकल्प पेश किया। शाह के इस फैसले से पूरा सदन हक्का बक्का रह गया था।
माना गया कि घाटी से आतंकियों के सफाये के लिए यह कदम काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद कानून व्यवस्था, सेवा, भूमि सहित कई अधिकार केंद्र के पास आ गए।
ऐसे में जम्मू-कश्मीर के भविष्य में राज्य सरकार की भूमिका बेहद सीमित हो गई और वहां भी दिल्ली की तरह उपराज्यपाल की भूमिका अहम हो गई। अनुच्छेद 370 हटाए जाने से कश्मीर के कई नेताओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। इन नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती भी शामिल थे। अनुच्छेद 370 लगाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर का माहौल इस कदर बिगड़ा कि कुछ समय के लिए घाटी में इंटरनेट सेवा तक बंद कर दी गई थी। मगर कुछ समय बाद 2जी इंटरनेट सेवा की छूट दी गई।
इसके अलावा 5 अगस्त की ये तारीख एक और बात के लिए जानी जाएंगी। 5 अगस्त 2018 को उत्तर प्रदेश के मुगल सराय जंक्शन का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन कर किया गया था।