
दिल्ली में खराब हुई हवा की गुणवत्ता
नई दिल्ली। कोरोना संकट ( Coronavirus ) के बीच राजधानी दिल्ली में एक बार फिर वायु प्रदूषण ( Air Pollution ) अपने पैर पसार रहा है। जानकारों की मानें तो प्रदूषण के चलते कोरोना वायरस का खतरा और बढ़ने के आसार हैं। यही वजह है प्रदूषण ने एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर के लोगों की चिंता बढ़ा दी हैं।
पिछले कुछ दिनों से लगातार राजधानी दिल्ली और आस-पास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। कोरोना जैसी महामारी के बीच हवा का बिगड़ना एक बड़े खतरे का संकेत है। दिल्ली के कुछ इलाकों में तो वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI 400 के पार पहुंच चुका है।
राजधानी दिल्ली और एनसीआर में खराब हवा एक बार फिर जान की दुश्मन बनती नजर आ रही है। पराली और कचरा जलाने के कारण हवा की गुणवत्ता बदतर होती जा रही है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को अलीपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI 442 दर्ज किया गया जो कि 'गंभीर' श्रेणी में है।
यही नहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मिले आंकड़ों पर गौर करें तो आईटीओ में PM 2.5 का स्तर 356 पर दर्ज किया गया है। ये भी खराब हवा की श्रेणी में ही आता है।
कम हो रही है दृश्यता
धुंध और हवा में घुले जहर के बीच सुबह की दृश्यता यानी विजिबिलिटी भी तेजी से कम हो रही है। इंडिया गेट और आस-पास मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों की मानें तो पिछले एक हफ्ते में लगातार विजिबिलिटी कम हो रही है। पहले काफी दूर से ही इंडिया गेट साफ दिखाई देता था, लेकिन धुंध बढ़ने की वजह से इंडिया गेट के काफी नजदीक आने पर वो दिखाई दे रहा है।
नोएडा-गाजियाबाद में भी यही हाल
दिल्ली के साथ-साथ यूपी के नोएडा और गाजियाबाद में भी यही हाल है। गाजियाबाद में प्रदूषण के लिहाज से शुक्रवार सीजन का सबसे खराब दिन है। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 385 रहा जो काफी खराब हवा की श्रेणी में आता है। वहीं लोनी की बात करें तो यहां पर AQI स्तर 400 से ज्यादा रहा।
स्मॉग से सांस लेने में मुश्किल
दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद के साथ-साथ गुरुग्राम में भी हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। यहां स्मॉग की वजह से लोगों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। शुक्रवार सुबह सेक्टर-51 में एक्यूआई 385 और विकास सदर में एक्यूआई 331 तक पहुंच गया। शहर की आबोहवा लगातार प्रदूषित हो रही है।
आईएमडी के एडीजी आनंद शर्मा के मुताबिक 24 अक्टूबर के बाद से दिल्ली और आस-पास के इलाकों में पीएम10 और पीएम 2.5 दोनों ही स्तर में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। यानी वायु की गुणवत्ता और खराब होगी। दरअसल इसके पीछे एक वजह हवा की स्थिरता भी बताई जा रही है। स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के चलते प्रदूषक दूर नहीं हो रहे हैं।
Published on:
23 Oct 2020 01:51 pm
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