scriptडेंजर जोन में अटकी दिल्ली की हवा, उठाए जा सकते हैं सख्त कदम | Air quality of Delhi remain in hazardous category | Patrika News

डेंजर जोन में अटकी दिल्ली की हवा, उठाए जा सकते हैं सख्त कदम

locationनई दिल्लीPublished: Nov 13, 2018 09:39:20 am

Submitted by:

Saif Ur Rehman

सोमवार को हवा की क्वालिटी में थोड़ा सुधार हुआ था लेकिन शाम होते-होते हवा की गुणवत्ता फिर से गंभीर श्रेणी में पहुंच गई।

Girl

खबरदार! प्रदूषण से बचने के लिए सभी मास्क नहीं है कारगार, पहनने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली की हवा में सुधार नहीं हो रहा है। कई बार तो हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है। फिजां में घुलते जहर के कारण दिल्लीवासियों को सांस लेना मुश्किल हो गया है। सोमवार को थोड़ा सुधार हुआ था लेकिन शाम होते-होते हवा की गुणवत्ता फिर से गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। हवा की गुणवत्ता में सकारात्मक बदलाव नहीं होता दिख रहा है ऐसे में कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
JAMA
खबरदार! प्रदूषण से बचने के लिए सभी मास्क नहीं है कारगार, पहनने से पहले रखें इन बातों का ध्यान
गैस चेंबर बनी दिल्ली

दिवाली के बाद से ही लगातार दिल्ली की आबोहवा खराब हो रही है। कई बार तो वायु गुणवत्ता सूचकांक ( AQI) 900 के पार पहुंच गया। मंगलवार सुबह भी हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में थी। मंगलवार को सुबह आठ बजे वजीरपुर में AQI 621 दर्ज किया गया। वहीं रोहिणी में भी हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर रिकॉर्ड हुई। यहां पर सुबह आठ बजे AQI 504 रहा। जहांगीरपुरी में AQI 494 देखा गया। सत्यावती कॉलेज के पास AQI 493 पर था।सोमवार की बात करें तो कल दिल्ली की हवा में अतिसूक्ष्म कणों – पीएम 2.5 का स्तर 265 दर्ज किया गया जबकि पीएम 10 का स्तर 461 दर्ज किया गया। सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली के 18 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘‘गंभीर’’ दर्ज की गई जबकि 18 स्थानों पर यह ‘‘बेहद खराब’’ श्रेणी में रही। बता दें कि सूचकांक शून्य से 50 तक होने पर हवा को ‘अच्छा’, 51 से 100 होने पर ’संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 से 300 से ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है। बीते तीन हफ्ते से दिल्ली और आसपास के इलाकों में पॉल्यूशन स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच चुका था।
AIR
लिए जा सकते हैं सख्त फैसले
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर के चलते पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण अधिकरण (ईपीसीए) ने वहानों को बैन करने की सिफारिश की है। खराब होते वातावरण के मद्देनजर आने वाले दिनों में बहुत ही सख्त फैसला लिए जाने की संभावना जताई जा रही है। इसके तहत सिर्फ सीएनजी और ग्रीन ईंधन वाहनों को छोड़कर सभी पर रोक लगाई जा सकती। बता दें कि दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर 12 नवंबर तक रोक बढ़ा दी गई थी। उधर नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली और आसपास के राज्यों में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को लेकर पांच राज्यों के मुख्य सचिव को तलब किया है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के मुख्य सचिव और कृषि सचिव को 14 नवंबर को अदालत में हाजिर होने के निर्देश दिए हैं।
https://twitter.com/hashtag/Delhi?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw
Video: कैलिफोर्निया के जंगलों में लगी इतिहास की भीषण आग, 30 से ज्यादा लोगों की मौत
बढ़ी मरीजों की संख्या
बढ़ते प्रदूषण का असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है। सांस की बीमारियों, आंखों और त्वचा के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अस्थमा के मरीजों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो