बता दें कि मद्रास उच्च न्यायालय के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब कोर्ट को अपने ही जज के खिलाफ सीबीआई बुलानी पड़ी। दरअसल, जस्टिस टी. मतिवानन मई, 2017 में रिटायर हुए थे और उनके रिटायरमेंट के बाद से ही कोर्ट से लगभग 100केसों की फाइलें गायब हो गईं। बताया जा रहा है कि सभी 100 केसों की सुनवाई खुद जस्टिस टी. मतिवानन ही कर रहे थे।
मामले पर हाई कोर्ट के जस्टिस जी जयचंद्रन ने कहा कि केसों के बंडल का इस तरह से गायब होना सही मायने में आश्चर्यजनक बात है। साथ ही जस्टिस ने कहा कि जिन केसो के बंडल गायब हुए हैं उनमें से कई केस ऐसे थे जिस पर पूर्व जज ने फैसला सुरक्षि रखा था। ऐसे में फाइलों का गायब होना सही नहीं है। मामले को लेकर मुख्य न्यायाधीश ने रजिस्ट्रार (विजिलेंस) को आदेश दिया है कि वह जांच करें। अपने आदेश में न्यायाधीश जयचंद्रन ने सीबीआई के जॉइंट डायरेक्टर को मामले पर उचित कार्रवाई करने के आदेश देते हुए कहा, न्यायालय सीबीआई को आदेश देती है कि इस बारे में पूरी जानकारी जुटाई जाए और जांच की जाए। इस मामले को गंभीरता से लेना बहुत जरूरी है, क्योंकि गायब हुए बंडन में सिर्फ केस की फाइलें ही नहीं बल्कि अदालत के जरूरी दस्तावेज भी शामिल थे।
इस मामले में जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए कहा, ‘कोर्ट सीबीआई के निर्देश देती है कि इसकी सूचना एकत्र कर जांच शुरू करे।’ कोर्ट ने कहा कि वे सिर्फ केसों की फाइलें ही नहीं थीं, अदालत के दस्तावेज भी थे।