
आतंकी हमले से लगी आग को बुझाने में 100 दिन का समय लगा था।
नई दिल्ली। 19 साल पहले 11 सितंबर, 2001 को अल कायदा के खूंखार आतंकियों ने एक ऐसा हमला किया था जिससे अमरीका दहल उठा था और पूरी दुनिया को इसने हिलाकर रख दिया था। इस हमले को आतंकियों ने 4 विमानों का अपहरण करने के बाद अंजाम दिया थां। इस हमले में 70 से ज्यादा देशों के करीब 3,000 हजार निर्दोष लोग मारे गए थे।
आइए, हम आपको बताते हैं दुनिया के सबसे बड़े आतंकी हमले से जुड़ी दर्दनाक बातें।
1. दरअसल, 11 सितंबर,2001 को अमरीका पर यह हमला अल-क़ायदा के आतंकियों ने किया था। आतंकवादियों ने 19 साल पहले 11 सितंबर को 4 यात्री विमानों का अपहरण किया था। अपहरणकर्ताओं ने एक विमान को पेंटागन की इमारत से, दूसरे विमान को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से, तीसरे को न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स से और चौथा विमान पेंसिलवेनिया में क्रैश हो गया। यह हमला जिन विमानों से किया गया उनकी रफ्तार 987.6 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा की थी।
2. इस हमले में 2996 लोगों की जान चली गई थीं, जिनमें 400 पुलिस अफसर और फायरकर्मी व अन्य सुरक्षा गार्ड शामिल थे। मरने वालों में 70 से ज्यादा देशों के लोग शामिल थे। इस हमले में 19 अपहरणकर्ता भी मारे गए थे। आतंकी हमले की शिकार वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और ट्विन टावर की गगनचुंबी इमारत करीब 2 घंटे में मलबे के ढेर में तब्दील हो गई थी।
3. आतंकी अपहरणकर्ताओं ने चार में से तीसरे विमान को वाशिंगटन डीसी के बाहर आर्लिंगटन और वर्जीनिया में पेंटागन से टकरा दिया था।
4. आतंकी हमले में लगी आग को बुझाने में 100 दिन का समय लगा था। इस हमले में बर्बाद ट्विन टावर को बनाने में 400 मिलियन डॉलर खर्च हुए थे। हमले के समय ट्विन टावर में लगभग 50 हजार कर्मचारी काम करते थे। इस इमारत की विशालता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां 239 लिफ्ट थीं।
5. अमरीका के ग्राउंड जीरो पर बनी नई इमारत 104 मंजिल की है। ये इमारत न्यूयॉर्क या मैनहट्टन ही नहीं, बल्कि अमरीका की सबसे ऊंची इमारतों में शुमार है। इसका नाम वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर दिया गया है। इमारत को फिर से बनाने में 8 साल लगे।
6. अमरीकी सरकार की ओर से बनाई गई नई इमारत में पुराने WTC की याद में बनाए स्मारक और संग्रहालय को भी जगह दी गई है। इस स्मारक में हमले से जुड़ी यादें मौजूद हैं।
7. आतंकी हमले के पीछे अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का हाथ था। लादेन को अमरीका ने बदले की कार्रवाई के तहत 2 मई, 2011 को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में उसी के घर में मार गिराया था।
Updated on:
11 Sept 2020 06:56 pm
Published on:
11 Sept 2020 09:46 am
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