
पांच मई को LAC पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध के बाद रक्षा मंत्री की Ladakh की पहली यात्रा है।
नई दिल्ली। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) अपने दो दिवसीय लद्दाख (Ladakh) और जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के दौरे पर लेह के बाद अब पैंगोंग पहुंच गए हैं। रक्षा मंत्री के साथ इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाने भी मौजूद हैं। लेह पहुंचने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंने का काम शुरू कर दिया है।
सीमा पर चल रहे तनाव के बीच रक्षा मंत्री की पहली यात्रा है। राजनाथ सिंह लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल ( LAC ) और लाइन ऑफ कंट्रोल ( Loc ) का दौरा करेंगे।
वह चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर तैयारियों का जायजा लेंगे। इस बात की भी संभावना है कि वो अमरनाथ ( Amarnath ) की भी यात्रा कर सकते हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वे पैंगोंग त्सो झील के पास लुकुंग पोस्ट पर जाएंगे। लेकुंग पोस्ट झील के उत्तर पश्चिमी हिस्से में है और फ़िंगर 4 से सड़क से लगभग 43 किलोमीटर की दूरी पर है जहां भारत और चीन ( India-China ) के सैनिकों ने विघटन की प्रक्रिया शुरू की है।
पैंगोंग त्सो पहुंचने से पहले वह पैरा ट्रूपर्स का दौरा करेंगे और उनकी संचालन क्षमता देखेंगे। जानकारी के मुताबिक राजनाथ सिंह लुकुंग पोस्ट पर आखिरी बार 2016 में गए थें। जब वह गृह मंत्री थे उस समय भी उन्होंने सभी मौसम BOP का दौरा किया और कमीशन किया।
दो दिवसीय यात्रा के तहत रक्षा मंत्री आज दोपहर तक घाटी में जमीनी स्थिति की समीक्षा करने के लिए श्रीनगर ( Shrinagar ) पहुंचेंगे। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि रक्षा मंत्री दर्शन के लिए अमरनाथ मंदिर भी जा सकते हैं और पहले से ही इसकी व्यवस्था भी कर ली गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया कि यह यह पक्का नहीं है लेकिन अगर वो दर्शन करना चाहेंगे तो हमने व्यवस्था कर ली है। इस वर्ष यात्रा कोरोना वायरस के कारण 10 दिनों के लिए हो रही है।
इस बार राजनाथ सिंह की घाटी की यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले दो महीनों में घाटी में बहुत हिंसा हुई है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सिंह घाटी ( Kashmir Valley ) में जमीनी हालात की समीक्षा करेंगे। एक अधिकारी ने खुलासा किया वह श्रीनगर में रात में रुकेंगे और शनिवार को दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
आपको बता दें कि मई महीने के बाद से ही भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई थी। हाल ही में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुए समझौते के आधार पर अब सीमा से सेनाओं को हटाने का काम चल रहा है। चीन की सेना गलवान ( Galwan Valley ) , गोगरा और हॉट स्प्रिंग से पीछे हट चुकी है। पैंगोंग और डेपसांग के मुद्दे पर अभी सेना को पीछे हटना है।
इससे पहले जुलाई के पहले हफ्ते में ही राजनाथ सिंह को लेह जाना था, लेकिन तब अचानक उनका दौरा रद्द हो गया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद लेह पहुंच गए थे।
पीएम मोदी ने नीमू पोस्ट पर सेना के जवानों से मुलाकात की थी और चीन को कड़ा संदेश दिया था। पीएम की ओर से कहा गया था कि अब विस्तारवाद का युग खत्म हो गया है और अब विकासवाद का युग चल रहा है।
Updated on:
17 Jul 2020 04:16 pm
Published on:
17 Jul 2020 08:25 am
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