दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) की जांच टीम ने कहा कि सुनंदा पुष्कर का ट्वीट रिकॉर्ड या मामले में दाखिल आरोप पत्र का हिस्सा नहीं है। अगर थरूर उन पर भरोसा करना चाहते हैं तो वह सार्वजनिक मंच पर उपलब्ध है और वह उन्हें देख सकते हैं।
दिल्ली पुलिस ने शशि थरूर की याचिका ( Shashi Tharoor Writ ) पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश मनोज कुमार ओहरी ( Justice Manoj Kumar Ohri ) से कही। शशि थरूर ने अदालत से आग्रह किया है कि वह दिल्ली पुलिस को निर्देश दे कि 2014 में मौत से पहले सुनंदा पुष्कर के ट्विटर अकाउंट और ट्वीट ( Sunanda’s tweet and twitter account ) को सुरक्षित रखे।
Cyber attack : US में बराक ओबामा, एलन मस्क, बेजोस, बिल गेट्स समेत नामी हस्तियों के ट्विटर हैंडल हैक इस मामले में दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता ( IPC ) की धारा-498ए और धारा-306 के तहत पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर को आरोपी बनाया ( Former Union Minister Tharoor has been made accused ) हैं। आरोप साबित होने पर मामले में क्रमश: तीन साल और 10 साल की सजा हो सकती है।
दूसरी तरफ थरूर का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने कहा कि ट्वीट निचली अदालत में पेश इलेक्ट्रॉनिक सबूत ( Electronic proof ) का हिस्सा है, जो लैपटॉप और मोबाइल के रूप में जमा किया गया था। उन्होंने कहा कि उनका मुवक्किल उन उपकरणों के जरिए सुनंदा के ट्विटर अकाउंट को देखना चाहता है और मौत से पहले किए ट्वीट को निचली अदालत को दिखाना चाहता है। जिससे उस समय की उनकी मनोस्थिति ( Sunanda Mood ) के बारे में बताया जा सके।
Corona vaccine : ट्रायल को लेकर आज आ सकती है खुशखबरी, यहां से हो सकती है बड़ी घोषणा मौत के समय सुनंदा की मनोस्थिति दिल्ली हाईकोर्ट में थरूर के वकील ने कहा कि खास बात यह है कि चार अटॉप्सी रिपोर्ट ( Atopsy report ) और तीन चिकित्सकीय बोर्ड की रिपोर्ट भी यह साबित नहीं कर पाई कि वह आत्महत्या थी या मानव हत्या। पुलिस ने 2017 में मृतका का मनोवैज्ञानिक अटॉप्सी किया था ताकि मौत से पहले उनकी मनोस्थित का पता लगाया जा सके।
थरूर के वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा कि उस दिन उनकी मनोस्थिति को जानने के लिए उनके ट्वीट से बेहतर क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस इन ट्वीट पर भरोसा नहीं कर रही है क्योंकि इससे मामला बंद हो सकता है। पाहवा ने कहा कि इसके बजाय वे गवाहों के बयान जिसे पुलिस ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-161 के तहत दर्ज किया है पर भरोसा कर रही है जिसमें उनकी मनोस्थिति को जानने के लिए पुष्कर के ट्वीट का संदर्भ दिया है।
अगली तारीख 18 सितंबर न्यायाधीश मनोज कुमार ओहरी ( Justice Manoj Kumar Ohri ) ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दिल्ली पुलिस को थरूर के उठाए गए सवालों का जवाब दाखिल करने को कहा। साथ ही और मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी। थरूर ने अपने आवेदन में कहा था कि पुष्कर का ट्वीट और ट्विटर टाइमलाइन इस मामले में बहुत महत्वपूर्ण है।
लीला होटल में मृतक मिली थी पुष्कर बता दें कि 51 वर्षीय पुष्कर 17 जनवरी, 2014 को दक्षिण दिल्ली के चाणक्यापुरी स्थित लीला होटल ( Leela Hotel ) के कमरे में मृत पाई गई थी।