
अमृतसर रेल हादसा: NHRC ने रेलवे और पंजाब सरकार को जारी किया नोटिस, मांगा जवाब
नई दिल्ली। अमृतसर रेल हादसे के पांच दिन बीत जाने के बाद भी इस मानवीय त्रासदी को लेकर आरोप और प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। लेकिन संवैधानिक संस्थाएं इस बात को लेकर अब सक्रिय हो गई हैं। एक तरफ मंगलवार को बिहार की सीजेएम की अदालत में इस घटना को लेकर पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर के खिलाफ वाद दायर किया गया है दूसरी तरफ राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इस मामले में रेलवे और पंजाब सरकार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए नोटिस जारी कर दिया है।
माना प्रशासनिक लापरवाही
एनएचआरसी ने अमृतसर रेल हादसे को लेकर रेलवे और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी करते हुए आयोग ने कहा कि रेल पटरियों पर लोगों के बैठने को समझदारी भरा काम नहीं कहा जा सकता। एनएचआरसी ने माना है कि इस भयावह घटना के पीछे जिले के अधिकारियों की लापरवाही साफतौर पर जाहिर होती है। एनएचआरसी प्रवक्ता ने कहा कि आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से चार हफ्तों में मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने बताया कि एनएचआरसी ने मीडिया में आई खबरों के आधार पर इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है।
बिहार की अदालत में वाद दायर
इससे पहले आरोप-प्रत्यारोप के बीच दशहरा कार्यक्रम के आयोजकों और मुख्य अतिथि नवजोत कौर सिद्धू के खिलाफ बिहार की एक अदालत में एक मामला दायर कराया गया है। पंजाब की पूर्व विधायक नवजोत कौर के खिलाफ यह मुकदमा मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र के भीखनपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने दाखिल कराया है। इस मामले में सीजेएम कोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया है। सीजेएम ने इसकी सुनवाई के लिए तीन नवंबर की तारीख मुकर्रर की है। बिहार में मुकदमा दर्ज होने के बाद सिद्धू की पत्नी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। तमन्ना हाशमी ने परिवाद पत्र में आरोप लगाया कौर की मौजूदगी के कारण कार्यक्रम में काफी लोग एकत्रित हुए थे। कार्यक्रम स्थल पर मौजूद सुरक्षा बल भीड़ को रेलवे पटरियों पर से हटाने के बदले कौर की सुरक्षा में लगे थे। हाशमी ने कौर पर गैर जिम्मेदाराना कृत्य करने और कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
सिद्धू ने रेलवे को ठहराया जिम्मेदार
आपको बता दें कि अमृतसर में दशहरा के दिन रावण दहन के दौरान करीब 60 लोगों की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो गई थी। मृतकों में बिहार के प्रवासी भी शामिल थे। सिद्धू के बचाव में कांग्रेस सांसद सुनील जाखड़ और पंजाब के मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा आगे आए और उन्होंने घटना के लिए रेल अधिकारियों को दोषी ठहराने का प्रयास किया। दूसरी तरफ पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह घटना के दो दिन बाद इजरायल के लिए रवाना हो गए। उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस से स्थिति की समीक्षा की और उन्हें प्रभावित परिवारों को राहत और मुआवजा प्रदान करने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा। इस हादसे से नाराज लोगों ने रविवार को पथराव किया था। सुरक्षाकर्मियों के साथ उनकी झड़प भी हुई थी। वे पटरियों पर बैठ गए थे जहां दुर्घटना हुई। बाद में उन्हें अधिकारियों द्वारा हटा दिया गया। अधिकारियों ने सिंह को बताया कि एक को छोड़कर सभी पीड़ितों की पहचान कर ली गई है। इस घटना के कारण रेलमंत्री पीयूष गोयल अपना दौरा बीच में ही छोड़कर अमरीका से लौट आए। यहां आने पर गोयल को हादसे से जुड़े घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी गई।
Published on:
24 Oct 2018 07:55 am
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