
मुंबई : समाजसेवी अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को पद का है। इस वजह से उनकी ओर से प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्रों का मोदी जवाब नहीं दे रहे हैं। अन्ना ने यह बातें शनिवार को महाराष्ट्र के सांगली में एक एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि वह पिछले तीन सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 30 से भी अधिक खत लिख चुके हैं, लेकिन उन्होंने कभी इनका जवाब नहीं दिया। उन्हें प्रधानमंत्री पद का अहंकार है।
23 मार्च से दिल्ली में करेंगे आंदोलन
अन्ना इससे पहले कह चुके हैं कि वह नई दिल्ली में अपने आंदोलन के अगले चरण की शुरुआत 23 मार्च को शहीद दिवस के दिन से शुरू करेंगे। इस बार उनका यह आंदोलन ऐसा होगा, जैसा पहले कभी नहीं हुआ। यह आंदोलन सरकार के लिए चेतावनी होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस बार आंदोलन में उनके साथ वही लोग साथ होंगे, जो राजनीति में न आने की शपथ लेंगे। इसके लिए उन्हें स्टॉम्प पेपर पर यह लिख कर देना होगा और जो इस शपथ को तोड़ेगा, वह उस पर मुकदमा करेंगे।
किसानों के मुद्दे पर होगा आंदोलन
अन्ना इस बार किसानों के मुद्दे को लेकर आंदोलन करने वाले हैं। उन्होंने एक बार फिर यह साफ किया कि उनका राजनीति में आने का इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि रैली और आंदोलन का मकसद मतदाताओं को जुटाना नहीं है। मुझे भरोसा है कि किसानों के मुद्दे पर होने वाला यह आंदोलन भी उसी तरह का होगा, जिस तरह का जनलोकपाल के लिए हुआ था। इस मौके पर अन्ना ने अपनी मांगों के बारे में कहा कि इस बार आंदोलन के प्रमुख मुद्दे हैं, लोकपाल को अमल में लाना, लोकायुक् तों की नियुक्ति, किसानों के लिए 5,000 हजार रुपए की पेंशन लागू करवाना और कृषि उत्पादों के लिए अच्छी कीमतें तय करवाना।
पहले अन्ना ने कहा था कि लोकपाल बिल को कमजोर किया केंद्र सरकार ने
18 जनवरी को अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि जन लोकपाल बिल को उसने कमजोर कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार को किसानों से ज्यादा उद्योगपतियों की फिक्र है। अन्ना ने देश को कृषि प्रधान कहे जाने पर निराशा व्यक्त की थी। कहा था कि पिछले 12 सालों में लाखों किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
Published on:
21 Jan 2018 10:38 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
