
देश के उज्ज्वल भविष्य देने का माद्दा एक भी Political Parties में नहीं है।
नई दिल्ली। देश के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ( Social activist Anna hazare ) ने दिल्ली बीजेपी की अपील को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने सियासी दलों के रवैये को लेकर निराशा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि एक भी सियासी पार्टी ऐसी नहीं जो देश के बेहतर भविष्य के बारे में सोचती हो।
ये बात उन्होंने आम आदमी पार्टी सरकार ( AAP Government ) के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने की बीजेपी की ओर से अपील के बाद कही। उन्होंने बीजेपी के इस अपील खारिज करते हुए कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि कोई भी पार्टी देश को उज्ज्वल भविष्य दे सकती है।
अन्ना हजारे ने कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि दिल्ली प्रदेश बीजेपी ( BJP ) ने आप सरकार के खिलाफ अपने आंदोलन में उन्हें शामिल होने को कहा। जबकि भगवा पार्टी के पास भारी संख्या में कार्यकर्ता है और वह केंद्र में सत्ता में है। हजारे ने एक पत्र में कहा कि उनके दिल्ली जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि उन्हें यकीन नहीं है कि कोई भी पार्टी देश को उज्ज्वल भविष्य दे सकती है।
हजारे ने कहा कि मैं प्रेस को लिखा आपका पत्र पढ़कर निराश हुआ। आपकी पार्टी बीजेपी पिछले छह वर्षों से अधिक समय से देश पर शासन कर रही है। फिर भी आप अन्ना हजारे जैसे 83 वर्षीय फकीर से अपने आंदोलन में शामिल होने का आग्रह करते हैं जो एक मंदिर के 10 गुना 12 फुट के कमरे में रहता है और जिसके पास कोई संपत्ति या शक्ति नहीं है।
मोदी के शासन में भी लोगों परेशानी नहीं हुई कम
उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली की आप सरकार भ्रष्ट है तो वह उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं करती। उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन कभी भी किसी पार्टी के खिलाफ नहीं था। हजारे ने कहा कि बीजेपी 2014 में भ्रष्टाचार-मुक्त भारत का सपना दिखाकर सत्ता में आई, लेकिन लोगों की परेशानी कम नहीं हुई है।
अन्ना हजारे ने कहा कि जब तक व्यवस्था में बदलाव नहीं होता, तब तक लोगों को राहत नहीं मिलेगी। इसलिए, मुझे लगता है कि मेरे दिल्ली आने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
प्रतीकात्मक उपस्थिति चाहती है बीजेपी
हजारे के जवाब पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गुप्ता ने कहा कि दिल्ली भाजपा के पास एक मजबूत संगठन है और सभी प्रकार के जन आंदोलनों का नेतृत्व करने में सक्षम है, लेकिन वह सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की प्रतीकात्मक उपस्थिति चाहते थे। गुप्ता ने आप सरकार के बारे में दावा किया था कि यह सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक भ्रष्टाचार का एक नया नाम है। बता दें कि 2011 में अन्ना हजारे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ( Anti corruption movement ) में अगुवा थे और केजरीवाल उनके प्रमुख सहयोगी थे।
Updated on:
29 Aug 2020 05:19 pm
Published on:
29 Aug 2020 01:46 pm
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