ये खुलासा सीरो सर्वे में हुआ है। देशभर में किए गए सीरोलॉजिकल सर्वे में 67.6 फीसदी लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि 67.6 फीसदी लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं और उनके शरीर में कोविड के खिलाफ एंडीबॉडी विकसित हो चुकी है।
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मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि देशभर में किए गए सीरो सर्वे में 67.6 फीसदी लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। बता दें कि यह सर्वे जून-जुलाई में की गई है।
सर्वे में 6-17 वर्ष की आयु के बच्चे शामिल
आपको बता दें कि इस बार सीरो सर्वे में बच्चों को भी शामिल किया गया था। क्योंकि कोविड के तीसरी लहर का असर बच्चों पर अधिक होने की बात कही जा रही है। चौथे चरण में 6-17 वर्ष की आयु के बच्चों को भी शामिल किया गया। सर्वेक्षण में शामिल किए गए स्वास्थ्य कर्मियों में 85 प्रतिशत में SARS-CoV-2 के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई है, जबकि स्वास्थ्य कर्मियों में 10 प्रतिशत को अब तक टीका नहीं लगा है।
45-60 साल के लोगों में मिली सबसे अधिक एंटीबॉडी
ICMR के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि चौथे सीरो सर्वे में 6-17 साल के 28975 लोगों और 7252 स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गया था। इनमें से 62 फीसदी ने वैक्सीन नहीं ली थी, जबकि 24 फीसदी ने एक डोज और 14 फीसदी ने दोनों डोज लगा ली थी। उन्होंने बताया कि सर्वे में सीरो प्रीवलेंस 67 फीसदी पाया गया। भार्गव ने आगे बताया कि 85 फीसदी हेल्थ केयर वर्कर कोविड के शिकार हो चुके हैं।
चौथे सीरो सर्वे में 6-9 साल के 57.2 फीसदी बच्चों में एंटीबॉडी मिली। जबकि 10-17 साल के बच्चों 61.6 फीसदी, 18- 44 साल के 66.7 फीसदी, 45-60 साल के 77.6 फीसदी और 60 साल से ज्यादा उम्र के 76.7 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिली।
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मालूम हो कि पहला सीरो सर्वे पिछले साल मई-जून में किया गया था। तब 0.7 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिली थी। इसके बाद पिछले साल अगस्त-सितंबर में दूसरा सीरो सर्वे किया गया, जिसमें 7.1 फीसदी और फिर दिसंबर-जनवरी में किए गए तीसरे सीरो सरिवे में 24.1 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिली थी।
21 राज्यों में किया गया सर्वे
डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि राष्ट्रीय सीरो सर्वे का चौथा चरण जून-जुलाई में 21 राज्यों के 70 जिलों में आयोजित किया गया। इससे पहले तीनों सर्वे इन्ही जिलों मे किया गया था। सर्वे के दौरान हर जिले के 10 गांवों या वार्डों से 40 लोगों के सैम्पल लिए गए। हर जिले से 26 साल तक की उम्र वाले 400 लोगों को इस सर्वे में शामिल किया गया। सर्वे में शामिल हर जिले और उप-जिले से 100 स्वास्थ्यकर्मियों के सैम्पल भी लिए गए थे।